संस्कृत में कारक और विभक्ति – परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण

संस्कृत में कारक और विभक्ति – परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण

1️⃣ कारक (Karaka) परिभाषा:-  साक्षात् क्रियान्वयित्वम् कारकत्वम् अर्थात् क्रिया से साक्षात् सम्बन्ध रखने वाले विभक्ति युक्त पदों को कारक कहते हैं। जैसे- ‘श्याम’ ने विद्यालय में मोहन के लिए कलम से पत्र लिखा। इस वाक्य में लिखा’ क्रिया है। ‘श्याम’ ने इसे किया है, इसका फल, ‘पत्र’ पर पड़ा है, ‘कलम’ इसका प्रयोजन है। इस प्रकार श्याम, पत्र, कलम, विद्यालय तथा मोहन का क्रिया से साक्षात् सम्बन्ध है। अतः ये सब कारक हैं। हिन्दी कारकों की संख्या ८ है किन्तु संस्कृत में इनमें से ६ को ही कारक कहा जाता…

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