एक बार एक बार एक महिला संत ज्ञानेश्वर महाराज के पास अपने छोटे पुत्र को लेकर आई और उसने कहा, महाराज, इसे अपच की बीमारी है। मेने इसे कई दवाइयां दीं, किंतु उनका कुछ भी असर नहीं हुआ। ज्ञानेश्वर महाराज ने उससे कहा बहन, इसे कल ले आना। दूसरे दिन जब वह महिला अपने लड़के को उनके पास ले गई, तो उन्होंने लड़के से पूछा, ‘तू ज्यादा गुड़ खाता है ना ? बच्चे ने तुरंत सर हिलाते हुए कहा, हां। उसके द्वारा हां कहने पर उन्होंने कहा, ‘तू गुड़ खाना…
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दृष्टांत कथाएं, Adhyatmik hindi drishtant
आध्यात्मिक कहानी । मैं हर जगह मौजूद हूं
एक दिन भगवान श्री कृष्ण,अपनी बहन द्रोपदी के साथ शाम की सैर कर रहे थे। द्रोपदी जी भगवान श्रीकृष्ण से बोली, ‘भैया, मैंने तो सुना है कि आप हर जगह मौजूद रहते हैं। पर उस समय आप कहां थे, जब दु:शासन मेरा चीर हरण कर रहा था?’ श्री कृष्ण पहले मुस्कराए और फिर बोले,’बहन, जब दु:शासन तुम्हारा चीर हरण कर रहा था, तब तुम अपनी साड़ी को दोनों हाथों से पकड़कर बचने का प्रयास कर रही थी। थोड़ी देर की जद्दोजहद के बाद जब तुम्हारा जोर नहीं चला, तो तुमने…
Read Moreदृष्टांत कथा: हतप्रभ हुए हनुमान
भगवान सर्वत्र व्याप्त है। यदि भावना निःस्वार्थ हो, तो प्रभु स्वयं ही भक्त के हो जाते है। ऐसा ही प्रसंग है रामायण का। जब भक्त प्रवर हनुमान संजीवनी बूटी लाने पर्वत गए थे। पर्वत की परिक्रमा पूरी करने के बाद भगवान हनुमान ने जैसे ही शीश झुकाया, उन पर आकाश से दिव्य सुगंधित पुष्पों की वर्षा होने लगी और दिव्य वाद्यों की कर्णप्रिय ध्वनि चरों ओर गूंजने लगी। उन्हें एक ममतामयी मधुर वाणी सुनाई पड़ी,’वत्स हनुमान, तुम्हारी जय हो। तुम्हारे कार्य सदा सुसम्पन्न होगें।’ हनुमान जी ने सिर उठाकर देखा…
Read Moreआध्यात्मिक कहानी । गुरु नानक और सच्ची सेवा
एक बार गुरु नानक देव जी यात्रा पर निकले। इस दौरान वह एक गांव में पहुंचे। उनके साथ उनके चार प्रिय शिष्य भी थे। जब नानक जी गांव में पहुंचे, तो उनका खूब स्वागत हुआ। उसी गांव में एक गरीब महिला रहती थी। उसने नानक को शिष्यों सहित अपने घर आने का निमंत्रण दिया। नानक जी तुरंत उस महिला के घर पहुंचे। नानक को अपने घर देखकर महिला की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने बड़े प्यार से उनके लिए शर्बत बनाया। पर उसके घर छन्नी नहीं थी। इसलिए उसने…
Read MoreDharmik Pravachan: श्रेष्ठता आपके हाथ में !
मनुष्य के पैर नरक को और उसका सिर स्वर्ग को छूता है। ये दोनों ही उसकी भावनाएं हैं। इन दोनों में से कौन सा बीज वास्तविक बनेगा, यह उस पर, केवल उस पर निर्भर करता है। मनुष्य की श्रेष्ठता स्वयं उसके हाथों में है। प्रकृति ने तो उसे मात्र संभावनाएं दी है। वह स्वयं का स्वयं ही सृजन करता है। जो जीवन में ऊपर की ओर नहीं उठ रहा है, वह अनजाने और अनचाहे ही पीछे और नीचे गिरता जाता है। मैंने सुना है कि किसी सभा में चर्चा चली…
Read Moreआध्यात्मिक दृष्टांत: विचारों में आज भी हैं रामकृष्ण परमहंस
रामकृष्ण परमहंस एक महान संत एवं विचारक थे । बचपन में ही इन्हें विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं, इसलिए इन्होंने ईश्वर की प्राप्ति और साधना में सारा जीवन बिता दिया । रामकृष्ण मानवता के पुजारी थे और इनका मानना था कि सभी धर्मों कि मंजिल एक ही हैं, बस रस्ते अलग-अलग हैं । बचपन से ही माँ जगदम्बा के दर्शन करने उत्कट कामना इनमे उत्पन्न हो गई थी । वे दिन रात देवी की आराधना व ध्यान करते और देवी के दर्शन के लिए फुट फुट…
Read Moreआध्यात्मिक कहानी । गौ महिमा और संत का मूल्य
एक दिन च्यवन ऋषि संगम में खड़े होकर तपस्या कर रहे थे । एक बार मछुआरों ने संगम में बहुत बड़ा जाल लगाया । जब उन्होंने जाल को बाहर खींचा, तो उसमें कई जलीय जंतुओं के साथ ऋषि को भी देखा । जब मछुआरों ने ऋषि को देखा, तो हाथ जोड़कर उनसे माफी मांगने लगे । पर ऋषि ने कहा कि इन जीवो को छोड़ दो, तभी मैं भी जीवित रह पाऊंगा । यह बात राजा नहुष तक पहुंची । राजा ऋषि के प्रताप से परिचित थे । वह दौड़े-दौड़े…
Read Moreआध्यात्मिक कहानी । चरण चिन्ह
वह व्यक्ति पेशे से ज्योतिषी था यही कारण था कि गीली रेत पर बने हुए चरण-चिन्हों को देखकर वह पहचान गया कि यह रेखाएं किसी सम्राट की ही हो सकती हैं । यही नहीं कुछ पैसे की कमाई की लालसा से वह लोगों को इस बारे में बताने भी लगा । लेकिन यह सोचकर उसके दिमाग में सवाल कौंधा कि भला सम्राट इस भरी दोपहरी में नदी के पास क्या करने आएंगे? इसी उधेड़बुन में डूबे ज्योतिषी महोदय चरण-चिन्हों का पीछा करते हुए एक झोपड़ी के पास पहुंचे, जहां आकर…
Read Moreदृष्टांत कथाएं । Drishtant Katha in hindi
दृष्टांत कथा- ये दरवाजा भी बंद हो जाए तो संत फरीद के पास एक धनी व्यक्ति आया और अपना आलीशान महल दिखाने की जिद करने लगा । संत फरीद उसके आग्रह को टाल न सके । संत फरीद ने महल देखा और अकस्मात हंसने लगे । उस धनी व्यक्ति से रहा नहीं गया । उसने तुरंत संत फरीद को समझाते हुए कहा, ‘शायद आपको पता नहीं हैं, सुरक्षा की दृष्टि से यह महल अद्वितीय है । मैंने सारे दरवाजे बंद करके सिर्फ एक ही दरवाजा महल में रहने दिया है,…
Read Moreआध्यात्मिक कहानी । यह दौलत किस काम की
एक संत थे जो घूम घूम कर लोगों को श्रीमद् भागवत और राम कथा सुनाया करते थे । एक कथा सुनाने के लिए एक लाख रूपया लेते थे । एक रोज संत के पास एक भगवान का भक्त आया और संत से बोला मैं अपने गांव में अपने लोगों को आप के मुख से राम कथा सुनवाना चाहता हूं । मगर मेरे पास देने को फूटी कौड़ी नहीं है । क्या आप हमारे गांव वालों को मुफ्त में कथा सुनाने को चलेंगे । संत मुफ्त में कथा सुनाने के लिए…
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