सेहत की संजीवनी ब्रह्म मुहूर्त

Sun rise

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के फायदे

 
प्रातः 4:00 बजे से 5:30 बजे तक के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं । ब्रह्म मुहूर्त का नाम ‘ब्रह्म’ शब्द से पड़ा है, जिसका अर्थ शास्त्रों में ज्ञान की देवी सरस्वती बताया गया है । यह समय वेद अध्ययन, योगाभ्यास और ध्यान आदि आध्यात्मिक क्रियाओं के लिए विशेष उपयोगी है ।

वेदों में कहा गया है की इस बेला में जगने वाले व्यक्ति के पास शारीरिक और मानसिक रोग नहीं भटकते । ऐसा व्यक्ति तेज युक्त होता है । ऐसे लोगों की स्मरण शक्ति भी अच्छी होती है ।

आयुर्वेद के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में बहने वाली वायु चंद्रमा से प्राप्त अमृत कणों से युक्त होने के कारण हमारे स्वास्थ्य के लिए अमृत तुल्य होती है । इसीलिए इसे अमृत वेला भी कहते हैं ।

इस बेला में बहने वाली हवा में शुद्ध ऑक्सीजन की मात्रा ज्यादा होती है, जो हमारी सेहत के लिए संजीवनी का काम करती है । इसलिए इस मुहूर्त को शारीरिक व मानसिक क्रियाओ दोनों के लिए उपयुक्त बताया गया है ।

ऋग्वेद के मुताबिक प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व उठने वाले को स्वास्थ्य रत्न की प्राप्ति होती है । इसलिए बुद्धिमान लोग इस समय को व्यर्थ नहीं गवाते । क्योंकि प्रातः जल्दी उठने वाला व्यक्ति स्वास्थ्य, बलवान, सुखी और दीर्घायु होता है ।

सामवेद में कहा गया है कि मनुष्य को प्रातः सूर्योदय से पूर्व सौच एवं स्नान से निवृत्त होकर ईश्वर की उपासना करनी चाहिए । इससे तन और मन शुद्ध होता है और सकारात्मक सोच का विकास होता है । पूरे दिन आप अपने काम के लिए फिट रहते हैं । इससे थकावट भी नहीं होती । इस समय की शुद्ध व निर्मल वायु शरीर को बल प्रदान करती है ।

अथर्व वेद में कहा गया है कि सूर्योदय तक सोने वाले व्यक्ति का देश नष्ट हो जाता है । इसलिए हमें ब्रह्म मुहूर्त में ही जग कर अपने कार्यों में लग जाना चाहिए । ऐसा करने से सब प्रकार का कल्याण होता है ।

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