क्या है खस (खसखस) की ख़ास बात खस या खसखस (Khus Khus) वातावरण में अपनी अद्वितीय महक, शीतलता और ताजगी बिखेरने तथा पर्यावरण को स्वच्छ बनाये रखने के गुणों के कारण प्राचीन काल से ही मानव मन को आकर्षित करता रहा है। खासकर गर्मी के दिनों की उमस और गर्म हवा के झोंकों के चलते तनाव और थकान पैदा करने वाले वातावरण से परेशान आदमी के तन-मन को खस की शीतलता, ताजगी और भीनी-भीनी अनूटी खुशबू से काफी राहत मिलती है। इसलिए भीषण गर्मी के चलते थकान और तनाव से…
Read MoreMonth: March 2024
जानें, क्या है केसर, केसर का उत्पादन व केसर की पहचान
हमारे देश में केसर केवल जम्मू-कश्मीर में उत्पन्न होता है किन्तु गुणवत्ता के हिसाब से यह विश्व भर में सर्वोत्तम माना जाता है भारत को मसालों का देश माना जाता है और यहीं पर पैदा होता है विश्व का सबसे महंगा मसाला जिसे हम केसर के नाम से जानते हैं। केसर को अंग्रेजी में सैफ्रन तथा उर्दू व कश्मीरी में जाफ़रान कहते हैं। सैफ्रन अरबी शब्द जाफ़रान से बना है जिसका अर्थ है पीला। केसर की भीनी-भीनी सुगन्ध, उत्तम स्वाद, तथा मनभावक पीला रंग इसकी लोकप्रियता को विश्व स्तर तक…
Read MoreSanskrit Vyakaran । संस्कृत व्याकरण
Sanskrit Vyakaran – (संस्कृत व्याकरण) – Sanskrit Grammar हिन्दी का ही नहीं भारत की समस्त आर्य भाषाओं का मूल स्रोत संस्कृत है। अतः उसके और अन्य भाषाओं के शब्दों में पर्याप्त परिमाण में एकरूपता है, किन्तु संस्कृत व्याकरण की ऐसी बहुत-सी विशेषताएँ हैं जो अन्य भाषाओं के व्याकरण में नहीं मिलती हैं। संस्कृत भाषा व्याकरण प्रधान होने के कारण उसका व्याकरण दुरूह है जो विद्यार्थियों के लिए बहुत जटिल है। प्रस्तुत प्रकरण में हम संस्कृत व्याकरण की सामान्य विशेषताओं को अति सरल रूप में प्रकट कर रहे हैं। वर्ण-विचार वर्ण-माला-संस्कृत…
Read Moreआज का कल्पतरु नीम
मानव सदा से ही वनस्पतियों पर आश्रित रहा है। आज यदि वनस्पतियां न होती तो हमारा अस्तित्व ही न होता। भोजन, वस्त्र, काष्ठ और औषधियों के लिए हम वनस्पतियों के ऋणी हैं। इस संदर्भ में कुछ पेड़ों ने अपना विशिष्ट स्थान बना लिया है। इन पेड़ों को कल्पतरु या कल्पवृक्ष कहा जाने लगा है। कल्पतरु उस वृक्ष विशेष को कहते हैं, जो मुंहमांगी मुराद पूरी करने में सक्षम हो या अन्य शब्दों में कहें तो ऐसा वृक्ष कल्पतरु होता है, जिसमें कई गुण एक साथ हों। ऐसा ही एक सर्वगुण…
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