प्रात:काल पर संस्कृत निबंध l Essay on morning time in Sanskrit

प्रात:काल पर संस्कृत निबंध l Essay on morning time in Sanskrit

“प्रातःकाल पर संस्कृत निबंध — जानिए प्रभात के सौंदर्य, महत्व और मानव जीवन में इसके लाभों का सुंदर वर्णन इस संस्कृत लेख के माध्यम से। छात्रों के लिए उपयुक्त।”

प्रातःकाल (प्रभात) पर संस्कृत निबंध

 

 प्रातः (प्रभातः)

(१) प्रातः सूर्यः उदयति । (२) प्रातः तडागेषु कमलानि विकसन्ति । (३) कमलेषु भ्रमराः गुञ्जन्ति । (४) प्रातः छात्रा स्वपाठं स्मरन्ति । (५) प्रातः भक्ताः ईश्वरं प्रार्थयन्ति । (६) प्रातः मल्लाः व्यायामं कुर्वन्ति । (७) प्रातः गोपालाः धेनून् दुग्धं दुहन्ति । (८) प्रातः जनाः भ्रमणाय उद्यानानि गच्छन्ति । (६) प्रातः वृक्षेषु खगाः कूजन्ति । (१०) प्रातः शीतल मन्द सुगन्धः च वायुः चलति । (११) किं बहुना प्रातः सर्वप्रकारेण मनोहरः भवति ।

हिन्दी अनुवाद

 

 प्रातःकाल (प्रभात)

(१) प्रातः सूर्य उदित होता है। (२) प्रातः तालाबों में कमल खिलते हैं। (३) कमलों पर भ्रमर गूंजते हैं। (४) प्रातः विद्यार्थी अपने पाठ को याद करते हैं। (५) प्रातः भक्तजन भगवान की प्रार्थना करते हैं। (६) प्रातः पहलवान व्यायाम करते हैं। (७) प्रातः ग्वाले गायों का दूध दुहते हैं। (८) प्रातः लोग बागों में भ्रमण के लिए जाते हैं। (९) प्रातः वृक्षों पर पक्षी चहचहाते हैं। (१०) प्रातः शीतल, मंद और सुगंधित वायु बहती है। (११) संक्षेप में, प्रातःकाल सर्व प्रकार से मनोहर होता है।

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