बिहारी लाल हिंदी साहित्य के एक प्रमुख कवि माने जाते हैं। अपनी काव्य रचनाओं की गहराई और सौंदर्य के कारण वे संपूर्ण हिंदी जगत में विख्यात हैं। उनके दोहों की विशेषता यह है कि वे देखने में छोटे लगते हैं, किंतु उनके भीतर गूढ़ और ह्रदयस्पर्शी संदेश छिपे होते हैं। इसीलिए उनके बारे में कहा गया है – “सतसैया के दोहरे ज्यों नाविक के तीर, देखन में छोटन लगे, घाव करें गंभीर।” बिहारी के दोहों में विशेष रूप से श्रंगारिकता की उपमाओं का प्रयोग मिलता है, जो उनकी रचनाओं को…
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