सन्धि शब्दों के उच्चारण में जिह्वा एक शब्द के उच्चारण के पश्चात् दूसरे शब्द का उच्चारण करती है अतः प्रथम शब्द का अन्तिम स्वर व्यंजन अथवा विसर्ग द्वितीय शब्द के प्रारम्भिक स्वर अथवा व्यंजन से प्रभावित होते हैं और उनमें जो परिवर्तन होता है वही परिवर्तन व्याकरण में सन्धि का रूप ग्रहण करता है। सन्धि तीन प्रकार की होती है- १. स्वर सन्धि या अच् सन्धि । २. व्यंजन सन्धि या हल् सन्धि । ३. विसर्ग सन्धि । स्वर अथवा अच् सन्धि (संस्कृत में) प्रथम शब्द के अन्तिम स्वर के…
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Sanskrit Vyakaran । संस्कृत व्याकरण
Sanskrit Vyakaran – (संस्कृत व्याकरण) – Sanskrit Grammar हिन्दी का ही नहीं भारत की समस्त आर्य भाषाओं का मूल स्रोत संस्कृत है। अतः उसके और अन्य भाषाओं के शब्दों में पर्याप्त परिमाण में एकरूपता है, किन्तु संस्कृत व्याकरण की ऐसी बहुत-सी विशेषताएँ हैं जो अन्य भाषाओं के व्याकरण में नहीं मिलती हैं। संस्कृत भाषा व्याकरण प्रधान होने के कारण उसका व्याकरण दुरूह है जो विद्यार्थियों के लिए बहुत जटिल है। प्रस्तुत प्रकरण में हम संस्कृत व्याकरण की सामान्य विशेषताओं को अति सरल रूप में प्रकट कर रहे हैं। वर्ण-विचार वर्ण-माला-संस्कृत…
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