नैतिक शिक्षा पर आधारित एक शिक्षाप्रद कहानी । भोला और समीर

एक गांव में दो दोस्त भोला और समीर रहते थे। समीर मेहनत पर भरोसा करता था, वहीं भोला चोरी य जालसाजी से अमीर बनने के सपने देखता रहता था।

एक दिन की बात है। समीर अपने खेत में सिंचाई का काम कर रहा था, तभी उसने देखा कि भोला दौड़ता हुआ गांव के समीप झाड़ियों में जा रहा है। पांच मिनट के बाद वह झाड़ियों से बाहर आया। उसके चेहरे से ऐसा लग रहा था कि किसी ने उसकी जिंदगी ही छीन ली हो। वहां से भोला तुरंत गांव की ओर चल दिया। लेकिन आधे घंटे के बाद फिर वापस झाड़ी में गया। समीर दूर से सारा माजरा देख रहा था। उसे कुछ समझ में तो नहीं आया, पर भोला के बारे में उसे पूरी जानकारी थी। इसलिए उसे कुछ गड़बड़ होने की आशंका हुई। भोला जब इस बार झाड़ी से बाहर आया, तो उसके चेहरे पर खुशी साफ-साफ झलक रही थी।

अगली सुबह समीर को पता चला कि ‘गांव में एक लाख नगद और कीमती आभूषणों की चोरी हो गई है और जो भी इसे पता लगाने में पुलिस की मदद करेगा, उसे इनाम दिया जाएगा। ‘समीर को एक दिन पहले की सारी घटना समझ में आ गई। उसने तुरंत अखबार में छपे नंबर पर फोन किया और पुलिस को अपने यहां बुला लिया। आधे घंटे बाद वह पुलिस वालों के साथ झाड़ियों के पास गया और वहां सारा माल बरामद हो गया। समीर को इनाम दिया गया और थोड़ी मशक्कत के बाद भोला को भी गिरफ्तार कर लिया गया। तब समीर ने भोला को कहा। मैं कहता था ना की मेहनत करो, पर तुमने मेरी बात नहीं मानी। तुमने गलत काम किया और उसका नतीजा भी देखो।

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