संस्कृत शब्द रूप – परिभाषा, प्रकार और उदाहरण । Shabd Roop in Sanskrit

संस्कृत शब्द रूप - परिभाषा, प्रकार और उदाहरण । Shabd Roop in Sanskrit

संस्कृत में शब्द रूप हिन्दी की तरह संस्कृत में भी शब्दों को निम्न प्रकार से पाँच भागों में बाँटा जा सकता है- (१) संज्ञा, (२) सर्वनाम (३) विशेषण (४) क्रिया एवं (५) अव्यय । संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण में लिंग तथा वचन के कारण तथा क्रिया में काल, पुरुष तथा वचन के कारण रूप परिवर्तन होता है, किन्तु अव्ययों में कभी परिवर्तन नहीं होता है। प्रस्तुत प्रकरण में हम इन सबका संक्षेप में वर्णन करेंगे । सब्द रूप को समझने से पहले हमें संस्कृत में लिंग, वचन, पुरुष अदि के…

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विसर्ग संधि: परिभाषा, नियम एवं उदाहरण

विसर्ग सन्धि: परिभाषा, नियम एवं उदाहरण

विसर्ग सन्धि (संस्कृत में) विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मिलने से जो विकार होता है, उसे विसर्ग सन्धि कहते हैं। जैसे- बालः + चलति = बालश्चलति । यहाँ विसर्ग का ‘श्’ हो गया है, अतः विसर्ग सन्धि है। विशेष-विसर्ग सदा किसी न किसी स्वर के बाद ही आता है, वह व्यंजन के बाद कदापि नहीं आता। जैसे-ऊपर लिखे ‘बालः’ में विसर्ग ‘ल’ के अन्त के ‘अ’ के बाद ही है। इसके प्रधान नियम निम्न हैं- 1. विसर्ग के बाद क, ख, च, छ, ट, ठ, प, फ, क,…

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Sanskrit Vyakaran । संस्कृत व्याकरण

Sanskrit Vyakaran - (संस्कृत व्याकरण)

Sanskrit Vyakaran – (संस्कृत व्याकरण) – Sanskrit Grammar हिन्दी का ही नहीं भारत की समस्त आर्य भाषाओं का मूल स्रोत संस्कृत है। अतः उसके और अन्य भाषाओं के शब्दों में पर्याप्त परिमाण में एकरूपता है, किन्तु संस्कृत व्याकरण की ऐसी बहुत-सी विशेषताएँ हैं जो अन्य भाषाओं के व्याकरण में नहीं मिलती हैं। संस्कृत भाषा व्याकरण प्रधान होने के कारण उसका व्याकरण दुरूह है जो विद्यार्थियों के लिए बहुत जटिल है। प्रस्तुत प्रकरण में हम संस्कृत व्याकरण की सामान्य विशेषताओं को अति सरल रूप में प्रकट कर रहे हैं। वर्ण-विचार वर्ण-माला-संस्कृत…

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