शिक्षाप्रद कहानी । सादगी ही मनुष्य का आभूषण है

Lal Bahadur Shastri

महान पुरुषों का एक प्रमुख गुण सादगी माना जाता है । देश के चर्चित प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी इतने ऊंचे ओहदे पर होने के बाद भी एक सहिष्णु एवं सादगी पूर्ण जीवन जीते थे । उनके जीवन की कई ऐसी घटनाएं हैं, जो आज भी हमारे लिए प्रेरणादाई हैं । ऐसी ही एक घटना है । एक बार वह कार से कहीं जा रहे थे । रास्ते में खेतों का हरियाली पूर्ण दृश्य काफी मनोहर लग रहा था ।

अचानक उनकी नजर चने के खेत पर पड़ी । उन्होंने तुरंत ही चालक से कार रोकने के लिए कहा । चालक ने कार रोकी, तो उन्होंने उससे कहा, ‘देखो सामने चने का खेत है और उसका मालिक भी वहीं बैठा हुआ है । तुम जाओ और उससे कुछ हरे चलें मांग कर ले आओ ।’ चालक तुरंत आज्ञा पालन के लिए चल पड़ा ।

उसने खेत के मालिक से अपना और प्रधानमंत्री का परिचय देते हुए, उससे थोड़े से चने मांगे । किसान ने यह सुना तो आश्चर्य के साथ ही वह भावविभोर भी हो गया । उसने तुरंत अपनी मुट्ठी में चने लिए और दौड़ता हुआ कार के पास पहुंच गया । उसने प्रधानमंत्री को चने देते हुए कहा, साहब आपको पूछने की क्या जरूरत है? आप जैसे देवता के दर्शन करके मैं और मेरी खेती धन्य हो गई ।’ प्रधानमंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘यह तो अनुशासन है कि आप से चने मांग कर लूं । आखिर आप से ही तो यह देश है । फिर उन्होंने किसान की पीठ थपथपाई और गंतव्य को चले गए ।

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