शुद्ध सात्विक और स्वास्थ्यप्रद भोजन करने से न सिर्फ शारीरिक विकास सही रहता है, बल्कि हमारी सोच भी इससे प्रभावित होती है । संयमित जीवन के लिए स्वस्थ आहार यानी खानपान की आवश्यकता होती है । कहते हैं, जैसा खाओगे,वैसा ही सोचोगे । भोजन यदि जीवन रक्षा के लिए किया जाए, तो वह आनंदप्रद होता है, अन्यथा उसके द्वारा अधिक से अधिक जितनी हानि हो सकती है, होती है । वास्तव में हमें जीने के लिए खाना चाहिए, ना कि खाने के लिए जीना । जो लोग खाने के लिए…
Read MoreMonth: March 2018
करे सूर्य की पूजा होंगे तेजस्वी
सूर्य पूजा करने से साधक न सिर्फ तेजस्वी होता है । बल्कि अनेक व्याधियों से मुक्त भी हो जाता है । सूर्य भगवान की आराधना के कई फायदे हैं । हिन्दू धर्म के शक्तिशाली देवताओं में इन्हें शामिल किया जाता है, साथ ही योग क्रियाओं में भी उनका महत्व है । सूर्य पूजा काफी प्रभावशाली है । इन देव की नियमित पूजा-अर्चना करने से साधक को यश मिलने के साथ-साथ उसका तेज भी बढ़ता है । जो लोग अच्छा स्वास्थ्य, अच्छी दृष्टि, सफलता और उत्साह की कामना करते हैं और…
Read Moreउपासना क्या है : उपासना सिद्धांत
क्या है उपासना- उपासना का मतलब किसी से ज्ञान प्राप्त करने के लिए छोटा आसन लेकर उसके पास बैठना नहीं, बल्कि विचार वह भावना के द्वारा मनन करना ही उपासना है । उपासना का मुख्य उद्देश्य मोक्ष प्राप्त करना होता है । कोई भी उपासना तभी फलदाई होती है, जब उसमे पूरे नियमों का पालन किया गया हो । सामान्य रूप से अखंड चिंतन में मग्न रहने वाले तथा सर्वसंग परित्याग करके विश्व हित के कार्यों में रत सत्पुरुष की उपासना अभ्युदय एवं मोक्ष मार्ग की तरफ ले जाती…
Read Moreआध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए सदाचार ही सफलता का आधार है
आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने के उपाय- आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए, अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु एवं दुर्भाग्य की छाया से बचने के लिए व्यक्ति को सदाचार रूपी रसायन का सेवन करते हुए अपने इष्ट एवं आराध्य देव का ध्यान एवं उपासना अवश्य करनी चाहिए । विश्वास एवं श्रद्धा के साथ जप-तप, पूजा-पाठ ध्यान एवं अर्चना करने से आयु, विद्या एवं बल में वृद्धि होती है । दुर्भाग्य दूर भागता है । वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि जो लोग धर्म स्थल के नियमित दर्शन करने जाते हैं, वह नास्तिक लोगों…
Read Moreवृक्ष लगाएं पुण्य कमाए । वृक्षारोपण के लाभ
वृक्षारोपण के लाभ- शास्त्रों में वृक्षारोपण करना धर्म सम्मत माना गया है । आंवले, शमी, वट, पीपल आदि वृक्षों की तो विधिवत पूजा कर उन्हें सम्मान दिया जाता है । वृक्ष रोपण के लिए हस्त, पुष्य, अश्विनी, विशाखा, मूल, चित्रा, अनुराधा, शतभिषा नक्षत्र श्रेष्ठ माने जाते हैं । इसके अलावा वृक्षारोपण के दौरान शुभ तिथि एवं वार का भी ध्यान रखना लाभकारी होता है । वृक्षारोपण का मंत्र ॐ वसुधेति च शीतोति पुण्यदेति धरेति च नमस्ते सुभगे देवि द्रुमोडंय त्वयि रोपते ॥ वृक्षारोपण क्यों आवश्यक है- यदि पृथ्वी…
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