आध्यात्मिक कहानी । चरण चिन्ह

foot print

वह व्यक्ति पेशे से ज्योतिषी था यही कारण था कि गीली रेत पर बने हुए चरण-चिन्हों को देखकर वह पहचान गया कि यह रेखाएं किसी सम्राट की ही हो सकती हैं । यही नहीं कुछ पैसे की कमाई की लालसा से वह लोगों को इस बारे में बताने भी लगा । लेकिन यह सोचकर उसके दिमाग में सवाल कौंधा कि भला सम्राट इस भरी दोपहरी में नदी के पास क्या करने आएंगे? इसी उधेड़बुन में डूबे ज्योतिषी महोदय चरण-चिन्हों का पीछा करते हुए एक झोपड़ी के पास पहुंचे, जहां आकर…

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शिक्षाप्रद कहानी: जब झेप गया बिगड़ैल आदित्य

Calm boy

शिक्षाप्रद कहानी: मेरे पड़ोस में रहने वाले आदित्य को खुद पर बहुत घमंड था । वह अपने पिता का इकलौता पुत्र था इसलिए घर में उसे बड़ा दुलार मिलता था । वह किसी से विनम्रता से बात नहीं करता था । अपने से बड़ों के साथ थी वह बदतमीजी करता रहता था । जो उसकी बात नहीं मानता था, उसे मारता भी था । बाइक तो कभी भी 60 से कम नहीं चलती थी । जब वह गाड़ी लेकर सड़क पर आता था, तो लोगों की दिल की धड़कनें बढ़…

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शिक्षाप्रद कहानियां । Shikshaprad kahaniyan hindi

Shikshaprad kahaniyan hindi

शिक्षाप्रद कहानी: कैसी विवशता? कई वर्षों के बाद इतनी भीषण गर्मी पड़ रही थी । सभी लोग परेशान थे । इस वृद्धि की अचानक आंख खुली, तो उन्होंने खुद को पसीने में तर बतर पाया । शायद बिजली जा चुकी थी । पर उनकी पत्नी बीमारी की वजह से अभी भी सोई पड़ी थी । ‘बेटा राकेश, इनवर्टर चालू कर देना ।’ एक मार्मिक स्वर उभरा ।’ साथ ही बुढ़िया की भयंकर खांसी से वातावरण गूंज उठा । पिछले कई दिनों से बृद्धा की हालत ठीक नहीं थी । ‘बैटरी…

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आध्यात्मिक कहानी: सत्संग का असर

डाकुओं का एक सरदार था, जो अपने दल के लोगों को कहता था कि भाई जहां कथा-सत्संग होता हो वहां कभी मत जाना, नहीं तो तुम्हारा काम बंद हो जाएगा । कहीं जा रहे हो, बीच में कथा होती हो, तो अपना कान बंद कर लेना । एक दिन एक डाकू कहीं जा रहा था । रास्ते में एक जगह सत्संग हो रहा था । अपने सरदार के कहे अनुसार उसने कान को दवा लिया और आगे बढ़ गया । चलते हुए अचानक उसके पैर में एक कांटा चुभ गया…

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दृष्टांत कथाएं । Drishtant Katha in hindi

Drishtant Katha in hindi

दृष्टांत कथा- ये दरवाजा भी बंद हो जाए तो  संत फरीद के पास एक धनी व्यक्ति आया और अपना आलीशान महल दिखाने की जिद करने लगा । संत फरीद उसके आग्रह को टाल न सके । संत फरीद ने महल देखा और अकस्मात हंसने लगे । उस धनी व्यक्ति से रहा नहीं गया । उसने तुरंत संत फरीद को समझाते हुए कहा, ‘शायद आपको पता नहीं हैं, सुरक्षा की दृष्टि से यह महल अद्वितीय है । मैंने सारे दरवाजे बंद करके सिर्फ एक ही दरवाजा महल में रहने दिया है,…

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नैतिक कहानी: दूसरों पर दया करो फल जरूर मिलेगा

naitik kahani in hindi

किसी गांव में एक जमीदार रहता था । उसके पास सैकड़ों बीघा जमीन थी । घर में सारे सुख के साधन थे । नौकर हमेशा मालिक की सेवा में लगे रहते थे । गांव के निकट ही एक मंदिर था, जहां एक भिखारी बैठा रहता था । वह भिखारी दो दिन से भूखा था । किसी ने उसे खाना नहीं दिया था । एक दिन जमीदार अपने नौकरों के साथ वहां से गुजर रहे थे कि उनकी नजर उस भिखारी पर पड़ी । जमीदार को देखते ही भिखारी बोला- ‘मालिक…

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नैतिक कहानी: सब कुछ दान किया फिर भी

एक बार एक लड़का मंदिर के पास बैठा रो रहा था, तभी एक सेठ अपने परिवार सहित उस मंदिर में पूजा करने आए । छोटे बच्चे को रोता देख उन्होंने उससे पूछा, ‘बेटा तुम क्यों रो रहे हो ।’ लड़के ने कहा मैं अनाथ हूं । मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है ?’ बच्चे को रोता देख सेठ को दया आ गई और वे उसे अपने घर लेकर चले गए । सेठ दंपत्ति उस अनाथ बच्चे को अपने बेटे की तरह परवरिश देने लगे । जब वह थोड़ा बड़ा…

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आध्यात्मिक कहानी । यह दौलत किस काम की

adhyatmik kahani in hindi

एक संत थे जो घूम घूम कर लोगों को श्रीमद् भागवत और राम कथा सुनाया करते थे । एक कथा सुनाने के लिए एक लाख रूपया लेते थे । एक रोज संत के पास एक भगवान का भक्त आया और संत से बोला मैं अपने गांव में अपने लोगों को आप के मुख से राम कथा सुनवाना चाहता हूं । मगर मेरे पास देने को फूटी कौड़ी नहीं है । क्या आप हमारे गांव वालों को मुफ्त में कथा सुनाने को चलेंगे । संत मुफ्त में कथा सुनाने के लिए…

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Adhyatmik drishtant : जिंदिगी एक नाटक है

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राजा हरिश्चंद्र ने जब अपना राज्य विश्वामित्र को दान दे दिया तब राजा हरिश्चंद्र की रानी तारा कहने लगी राजन हमने तो राज्य का पूरा सुख लिया ही नहीं और आपने दान कर दिया । तब राजा ने कहा हे रानी! जब राज हमारे पास था हम राज्य का नाटक करते रहें । यह राज्य पहले ही हमारा नहीं था और आगे भी हमारा नहीं रहेगा । हम राज्य का दान करके हम सब चिंताओं से मुक्त हो गए हैं । जितना समय हमने राज्य करना था वह पूरा हो…

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असली बादशाह कौन है ? { आध्यात्मिक कहानी 6 }

आध्यात्मिक कहानी

एक लड़का पृथ्वी पर लेटा हुआ था और उधर बादशाही की सवारी आ रही थी । तब वजीर ने कहा बच्चे एक तरफ हट जा । बादशाह की सवारी को आगे जाने दे । तब बच्चे ने कहा कौन बादशाह कैसा बादशाह । अरे उस बादशाही में भय का डेरा लगा हुआ है जो बचपन कुमार, जवानी अशांत रहने वाला कैसे बादशाह हो सकता है । बच्चे ने कहा बादशाह तो मैं हूं । वह तो जन्मने मरने वाला ताश का बादशाह है । आज बादशाही इसके पास है कल…

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