चंद्र खुश तो दिल खुश, जानें चंद्र ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या उपाय करें

चंद्र खुश तो दिल खुश

चंद्र खुश तो दिल खुश, जानें चंद्र ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या उपाय करें

हमारे जीवन पर ग्रहों का सीधा प्रभाव होता है। अच्छे-बुरे समय की तरह जीवन में ग्रहों के प्रभाव भी बदलते रहते हैं। यदि किसी की राशि में चंद्र ग्रह का दुष्प्रभाव पड़ रहा हो, तो उसका उपाय है….

शुभ चंद्र ग्रह के लिए

चंद्रमा के नीच अथवा मंद होने पर शंख का दान करना उत्तम होता है।

चंद्र ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या उपाय करें

चंद्रमा सूर्य से रोशनी लेता है, जो दिल का मालिक है। सूर्य से उसे चाहे कितना ही ताप मिले, चंद्र उसे ठंडे दिल से शांत कर देता है। इस ग्रह के अधिपति देव शिव हैं, जो शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं। ठीक इसी तरह चंद्रमा भी यदि शुभ हो, तो समाज में मान-सम्मान दिलाता है। मानसिक रूप से बलवान बनाता है और बुद्धि, विद्या में वृद्धि करता है। मगर आपकी कुंडली में चंद्रमा नीच का है अथवा मंद है, तो इससे संबंधित क्षेत्रों में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप चंद्र ग्रह से पीड़ित हैं, तो इसके लिए आपको कुछ विशेष उपाय करने चाहिए।

दान को सभी शास्त्रों में श्रेष्ठ और उत्तम कहा गया है अतः शास्त्रों को ध्यान में रखकर आपको भी दान करना चाहिए। चंद्रमा के नीच अथवा मंद होने पर शंख का दान करना उत्तम होता है।

इसके अलावा सफेद वस्त्र, चांदी, चावल, भात एवं दूध का दान भी पीड़ित चंद्रमा वाले व्यक्ति के लिए लाभदायक होता है। जल दान अर्थात प्यासे व्यक्ति को पानी पिलाने से भी चंद्रमा की प्रतिकूल दशा में सुधार होता है। अगर आपका चंद्रमा पीड़ित है, तो आपको चंद्रमा से संबंधित रत्न दान करना चाहिए। चंद्रमा से संबंधित वस्तुओं का दान करते समय ध्यान रखें कि दिन सोमवार हो और संध्या काल हो। इसके अलावा चंद्र पीड़ित व्यक्ति को सोमवार के दिन व्रत करना चाहिए। गाय को गूंथा हुआ आटा खिलाना चाहिए तथा कौए को भात और चीनी मिलाकर देना चाहिए। किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को दूध में बनी खीर खिलानी चाहिए। सोमवार के दिन जरूरतमंदों, अनाथों, पशु-पक्षियों एवं बुजुर्गों की यथाशक्ति सेवा अवश्य करें। क्योंकि सेवा धर्म से भी चंद्रमा को प्रसन्न किया जा सकता है।

नीच चंद्र होने पर नहीं करें

चंद्रमा कमजोर अथवा पीड़ित होने पर व्यक्ति को प्रतिदिन दूध नहीं पीना चाहिए। श्वेत वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। सुगंध नहीं लगानी चाहिए और चंद्रमा से संबंधित रत्न नहीं पहनना चाहिए।

श्रोत:-लाल किताब से

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