प्रेरक प्रसंग : दूध और खून

गुरु नानक लोगों को उपदेश देते हुए एक गांव में पहुंचे और गरीब बढ़ई के घर पर ठहरे। उसका नाम ‘लालो’ था। उसी गांव में एक धनाढ्य व्यक्ति रहता था, जिसका नाम ‘मलिक भागो’ था।

उसने एक दिन गांव के सारे लोगों को भोजन के लिए निमंत्रित किया। सारे लोगों के खा चुकने पर उसने नौकरों से पूछा कि कहीं कोई आदमी बिना खाए तो नहीं है? इस पर नौकरों ने बताया कि ‘लालो’ के घर में एक साधु आया है, जो भोजन से वंचित रह गया है। भागो ने गुरुनानक को बुलाया। नौकरों ने उनके सामने तरह-तरह के पकवान लाकर रखे।

गुरु नानक ने लालो के घर से भोजन लाने को कहा। गुरु नानक ने भागो की रोटी लेकर उसे दबाया तो उसमें से खून निकलने लगा। लालो की रोटी को दबाया, तो उसमें से दूध निकलने लगा। यह देखकर सब को आश्चर्य हुआ। तब नानक जी ने बताया, ‘भागो ने गरीबों को लूटा है, इसलिए उसकी रोटी में गरीबों का खून है, जबकि लालो की कमाई ईमानदारी की है, अतः उसकी रोटी से दूध निकला।’

यह सुन भागो नानक के चरणों में गिर पड़ा और उनसे क्षमा मांग कर कहने लगा कि आगे से वह मेहनत की कमाई खाएगा और दूसरों को कष्ट नहीं देगा।

प्रेरक प्रसंग से

Related posts

Leave a Comment