जानें क्यों होती है तुलसी और शालीग्राम का विवाह तुलसी विवाह से कटेंगे सारे पाप हिंदू संस्कृति में जिस तरह एकादशी व्रत का महात्म्य है, ठीक उसी तरह शालिग्राम व तुलसी विवाह भी कार्तिक शुक्ल एकादशी को कराने की परंपरा है। इसके संबंध में स्वयं श्री हरि कहते हैं, “जो व्यक्ति इस दिन तुलसी विवाह करवाता है, वह समस्त पापों से मुक्त हो जाता है तथा उसे कन्यादान करने का सौभाग्य मिलता है।” तुलसी विवाह में गाजे-बाजे के साथ एक सुंदर मंडप के नीचे विवाह संपन्न किया जाता है और…
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Chhath Puja: सूर्य की कृपा पाने का पर्व छठ
नहाए-खाए के साथ ही छठ पर्व आरंभ हो जाता है। खरना और सभी श्रद्धालु जलाशय के तट पर डूबते और अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ देकर खुशहाली की कामना सूर्यदेव से करते है। छठ पूजा का महत्वा वेदों और पुराणों में भगवान सूर्य को प्रमुख स्थान दिया गया है। इन्हें सूर्य नारायण की भी कहा गया है और बताया गया है कि इनकी कृपा साधक के जीवन में उन्नति कीर्ति और आरोग्यता लेकर आती है। इन्हीं को समर्पित है देश का महान लोक पर्व छठ। चार दिनों का यह…
Read MoreGopashtami Puja (गाय पूजन): गाय की पूजा करने से मिलता है अपार पुण्य
गौ पूजन से मिले अथाह पुण्य हिंदू शास्त्रों में गौमाता को परम पूजनीय कहा गया है। दरअसल उनके पूरे शरीर में समस्त देवताओं, गंधर्वों, ऋषि-मुनियों आदि का निवास होता है। इसलिए इनकी पूजा से पुण्य मिलता है। गोपाष्टमी पूजा या गोपाष्टमी व्रत कार्तिक शुक्ल अष्टमी को मनाया जाता है। गोपाष्टमी का पर्व पूरी तरह से भगवान श्री कृष्ण और उनकी प्रिय गायों को समर्पित है। पुराणों के अनुसार गोपाष्टमी के दिन ही भगवान श्री कृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम ग्वाले बने थे। इसलिए उनके साथ-साथ गायों की महत्ता बढ़…
Read MoreDhanteras Upay: सुख-समृद्धि के लिए धनतेरस के दिन करें ये उपाय
धनतेरस को शुभ बनाने के लिए करें ये उपाय धनतेरस को नए बर्तन या नई चीजें खरीदने की परंपरा है। यह पर्व हमें अपनी सुख समृद्धि में बढ़ोतरी करने की शिक्षा देता है। इस दौरान यदि पूजा पाठ से संबंधित कार्य किए जाएं, तो दीपावली शुभ हो जाती है। धनतेरस दीपावली के पूर्व आने वाला ऐसा त्यौहार है, जिसमें हम अपनी सुख समृद्धि और संपन्नता में बढ़ोतरी के लिए कुछ क्रियाएं करते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि यदि धनत्रयोदशी यानी धनतेरस से लेकर दीपावली तक कुछ उपाय लगातार…
Read Moreशरद पूर्णिमा: अमृत बरसता है शरद पूर्णिमा की रात
शरद पूर्णिमा की रात आकाश से अमृत वर्षा की बात शास्त्रों में की गई है। इस दिन लक्ष्मी पूजा के अलावा नैवेध को भी चांद की रोशनी में रखने का विधान है। दीपावली के ठीक 15 दिन पहले शरद पूर्णिमा आती है। शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात्रि को चंद्रमा की किरणों के साथ अमृत बरसता है। इस रात धन और उन्नति की देवी लक्ष्मी पृथ्वीलोक का दौरा करती हैं और अनुकूल जगह पाकर वहां सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती है। सूर्य के बाद चंद्रमा को सर्वाधिक प्रभावशाली ग्रह…
Read Moreक्या है कल्पवास और उसका महत्व, मन की शुद्धि के लिए करें कल्पवास
मन की शुद्धि के लिए कल्पवास कल्पवास माघ महीने में किया जाने वाला व्रत होता है, जिसका उद्देश्य अपने मन में उपस्थित विकारों को निकालना और अक्षय पुण्य की प्राप्ति है। एक महीने का यह व्रत पूरे वर्ष को पुण्य मय बना देता है। तीर्थराज प्रयाग का माघ मेला महज नदियों का ही नहीं अपितु आस्था, दर्शन, अध्यात्म और विविध संस्कृतियों का अनूठा संगम है। यह स्नान पर्व एक महीने तक चलता है। इस पर्व के दौरान संगम तट पर कल्प वास करने का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस…
Read Moreगणेश जयंती यानी तिल चतुर्थी पर गणपति को प्रसन्न कर, करे दोषों का निवारण
गणेश जयंती यानी तिल चतुर्थी । माघ मास की इस तिथि को भगवान श्री कृष्ण ने उपवास रखकर अपने ऊपर लगे आरोप के दोष से मुक्ति पाई थी। गणेश जयंती । माघ महीने की शुक्ल पक्ष चतुर्दशी के रूप में जानी जाने वाली यह तिथि कई प्रदेशों में महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे तेल चतुर्थी भी कहा जाता है। गणेश भगवान हमारे प्रथम पूज्य देवी नहीं हैं, बल्कि वह तो जीवन के हर क्षण में रचने-बसने वाले देवता कहे जाते हैं। इनकी पूजा करने से भक्तों को कोई भी विघ्न…
Read Moreवैशाखी पूर्णिमा देती है पूर्ण समृद्धि
वैशाखी पूर्णिमा का महत्व वर्ष में आने वाली सभी पूर्णिमा में वैशाखी पूर्णिमा का भी महात्म्य है । इस दिन विधि-विधान से श्री हरि विष्णु का पूजन करने से उनकी कृपा अवश्य मिलती है वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि वैशाखी पूर्णिमा अथवा पीपल पूनम के नाम से जानी जाती है । प्राचीन काल में वैशाखी पूर्णिमा के दिन दैत्यो द्वारा अपहृत देवताओं का अखंड साम्राज्य श्री हरि विष्णु की कृपा से उन्हें वापस मिल गया था । इसलिए सभी देवताओं ने प्रसन्न होकर इस तिथि को…
Read Moreविजयादशमी का महत्व : जीत का संदेश देती है विजयादशमी
विजयादशमी का महत्व विजयादशमी के दिन विजय नामक मुहूर्त होता है यह मुहूर्त किसी भी कार्य में सिद्धि प्रदान करता है । नवरात्र में नो दिनों तक शक्ति की प्रतीक देवी दुर्गा की पूजा की जाती है । इसके बाद दसवें दिन मां की मूर्ति की विसर्जन प्रक्रिया पूरी की जाती है । इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया । श्री राम की विजय के बारे में एक प्रसंग यह भी है कि जब राक्षस राज रावण के अनुज विभीषण ने कवच धारी, रथ पर सवार…
Read Moreकार्तिक मास यानी जप तप का माह
कार्तिक मास का महत्व : कार्तिक मास यानी जप तप का माह कार्तिक मास को पर्व त्योहारों एवं पूजा पाठ का माह भी कहा जाता है । धार्मिक ग्रंथों में भी इसे हर महा से श्रेष्ठ कहा गया है । इस दौरान किए गए धार्मिक अनुष्ठान हमें अक्षय फल देते हैं भारतीय हिंदू धर्म संस्कृति एवं धर्म ग्रंथों व पुराणों में कार्तिक मास को मोक्ष तथा पुण्य का महीना कहा गया है । पर बहुत कम लोग जानते हैं की यह भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है । भगवान…
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