आहार, विहार, सदाचार स्वस्थ जीवन का आधार

आहार, बिहार, सदाचार स्वस्थ जीवन का आधार

स्वस्थ जीवन का मूल आधार सदाचार, आहार और विहार है। इनमें अगर आप संतुलन बैठा लेते हैं, तो आपकी जिंदगी खुशियों से खिल उठती है।

स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग बसता है, यह तो कहावत सुनी होगी, सदाचार, आहार और विहार ये तीनों आपके जीवन को सवारते हैं। अगर इनमें आप सही तालमेल बिठाते हैं, तो आप भी स्वस्थ जीवन के हकदार बन सकते हैं। सुखी जीवन हेतु उन्हें आजमाएं।

-स्वास्थ्य रक्षा तथा दीर्घायु की प्राप्ति के लिए सूर्योदय से पूर्व अथवा ब्रम्ह बेला में उठें क्यों कि यह बेला आध्यात्मिक ऊर्जा की स्रोत होती है। इस समय उठने से पूरे दिन आप तरोताजा रहते हैं।

-दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर सुबह की सैर, व्यायाम-योग एवं आसन करना चाहिए। इससे शरीर हष्ट-पुष्ट होकर ऊर्जावान बनता है।

-प्रातः स्नान जरूर करें। इससे रक्त-प्रवाह सुचारू रूप से होता है और आप शारीरिक तौर पर फिट रहते हैं।

-संतुलित आहार व विहार स्वास्थ्य जीवन की पहचान होती है। सही समय पर सही आहार लेना स्वस्थ के लिए बेहद जरूरी है। थोड़ा खाएं, मगर संतुलित आहार ही लें।

-स्नान के पश्चात जप, तप, ध्यान, पूजा एवं अर्चना करनी चाहिए। इससे एकाग्रता मानसिक शांति की प्राप्ति होती है तथा कार्य क्षमता बढ़ती है। कहते हैं कि ईश्वर पर आस्था इंसान को स्वास्थ्य सोच प्रदान करती है, जो स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है।

-हमारे शरीर में जल की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति उतनी ही ज्यादा होगी। इसलिए स्वच्छ पानी लेना कभी ना भूले। यानी प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी जरूर पियें।

-1 घंटे का योग अवचेतन मन को जागृत करता है। इसलिए योग और व्यायाम को अपने जीवन में जरूर शामिल करें।

इनका भी रखें ध्यान

– सही समय पर सोएं और प्रति दिन सूर्य दर्शन करें।

-सदाचारी व्यक्ति को पुर्वाविमुख हो कर भोजन करना चाहिए। इससे आयु की वृद्धि होती है।

-भोजन प्रसन्न एवं शांत मुद्रा में तथा उचित आसन में करना चाहिए।

-ब्राह्मण, गाय, अग्नि माता-पिता, गुरु जान एवं श्रेष्ठ जनों का अपमान नहीं करना चाहिए।

-दुखी, निर्धन और जरूरतमंद लोगों की सेवा करनी चाहियें।

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