जानें, मनमोहक लैवेण्डर (Lavender) के उत्पाद, उपयोग व भविष्य की संभावनाएं

Lavender Benefits And Uses- लैवेंडर के फायदे, लाभ

इत्र, सुगन्ध और सुवास आदि में फूलों और सगंध पौधों का प्रयोग प्राचीन काल से ही विशेष अवसरों और अन्य क्रियाकलापों में किया जाता रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज भारतीय किसानों द्वारा बहुत से सगंध पौधों की व्यावसायिक स्तर पर खेती की जा रही है। वाष्पशील तेल सुगन्धयुक्त ऐसे उत्पाद होते हैं जो पौधों के लगभग सभी भागों में पाये जाते हैं। और सगंध तेल के रूप में जाने जाते है, क्योंकि ये गंध और सुवास के अर्क हैं। प्रायः ये इत्र, सौन्दर्य प्रसाधन, औषधि और गंधायुर्वेद में प्रयुक्त होते हैं। प्रत्येक सगंध तेल में बहुत से सुगन्धित रासायनिक यौगिक होते हैं और इनमें से कुछ में तो 250 से भी ज्यादा जटिल यौगिकों का मिश्रण होता है। इन्हें भाप, जल-भाप या जल-आसवन विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है। सगंध तेल पौधों के विभिन्न भागों, जैसे फूल, पत्तियों, बीज, तने, जड़, छाल और फल आदि से प्राप्त होते हैं। विश्व भर में इनका लघु और बड़े पैमाने की इकाइयों में आसवन किया जाता है। इससे यह संगंध तेल कृषि एवं अन्य उद्योगों के लिए आधार बन रहे हैं। संगध तेल उद्योग को स्थापित करने के लिए पादय सामग्री और आसवन सुविधाओं की आवश्यकता पड़ती है।

लैवेण्डर एक महत्वपूर्ण सगंध पौधा है जो न केवल सुन्दर फूलों से युक्त होता है, जिनसे विश्वप्रसिद्ध लैवेण्डर तेल की प्राप्ति होती है बल्कि सगंध पौधों के संसार में यह अपना एक अति विशिष्ट स्थान रखता है ।

लैवेण्डर की लगभग 20 प्रजातियां हैं, जिनमें आकारिकी प्रारूप एवं रासायनिक संघटन के आधार पर सैंकड़ों जीनोटाइप पाये जाते हैं। वास्तविक लैवेण्डर लैवेन्डुला ऑफिसिनेलिस पर्याय लै. एंगुस्टीफोलिया) है जो लैवेण्डर प्रजातियों में सर्वोत्तम सगंध के लिए प्रसिद्ध है। यह लैमिएसी कुल का बैंगनी रंग के सरस सगंध पुष्प उत्पन्न करने वाला छोटा झाड़ीनुमा बहुवर्षी पौधा है। इसके फूलों से व्यावसायिक उपयोग का एक उड़नशील सगंध तेल प्राप्त होता है जिसे आसवन विधि से एकत्र जाता है। इस महत्वपूर्ण एवं मूल्यवान तेल की विशेषताओं का वर्णन इस लेख में आगे प्रस्तुत है।

प्रजातियों के वानस्पतिक लक्षणों के आधार पर लैवेन्डुला को निम्न तीन वर्गों में विभक्त किया गया है : (1)स्पाईका वर्ग, (2)स्टोयकस वर्ग और (3)प्टेरोस्टोयकस वर्ग। वंश लैवेन्डुला नामकरण के हिसाब से काफी भ्रान्तियों से युक्त रहा है और साहित्य में अदल-बदल कर नामों का उपयोग किया जाता रहा है। अब सही वानस्पतिक नामों का प्रयोग, पौधे की पत्तियों के आकार के आधार पर हो रहा है, जैसे कि एंगुस्टीफोलिया का अर्थ संकरा और लैटिफोलिया का अर्थ चौड़ा है। इन्टरमीडिया जो कि एंगुस्टीफोलिया और लैटिफोलिया के बीच का वर्ण संकर है वास्तव में इन दोनों के लक्षण प्रदर्शित करता है। आइये, अब इन प्रजातियों पर कुछ और प्रकाश डालें क्योंकि व्यावसायिक दृष्टि से ये तीनों ही प्रजातियां महत्वपूर्ण हैं।

लैवेण्डर के उत्पाद एवं उपयोग

भेषज फसल के रूप में लैवेण्डर की खेती में अभिरुचि बढ़ रही है। प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली में सुगंध चिकित्सा (एरोमाथिरैपी) की दृष्टि से लैवेण्डर से प्राप्त होने वाला सगंध तेल अपना विशिष्ट स्थान रखता है। मीठी गंध वाला इसका तेल स्फूर्तिदायक होता है जिसे अन्य सगंध तेलों के साथ सम्मिश्रित भी किया जा सकता है। यही कारण है कि इसे इत्र, सौंदर्य प्रसाधनों एवं औषधियों में व्यापक रूप से प्रयोग में लाया जाता है । वातावरण और पर्यटन की दृष्टि से लैवेण्डर के खेत बहुत ही मनमोहक लगते हैं। लैवेण्डर के फूलों एवं सगंध तेल से निर्मित प्रमुख उत्पादों के नाम इस लेख में अन्यत्र दिये गये हैं। मुख्य रूप से लैवेण्डर के सगंध तेल एवं शुष्क फूलों का प्रयोग पर्फ्यूम, सौन्दर्य प्रसाधन, औषधियों, आर्ट एवं क्राफ्ट्स जैसे पोटपुरी एवं सेन्टेड सेचिट, सगंध तेल, शुष्क तेल, लैवेण्डर तेल, खाद्य पदार्थों में स्वाद के लिए, अगरबत्ती, साबुन, टेल्कम पाउडर, क्रीम आदि जैसे व्यावसायिक क्षेत्रों में इसका उपयोग व्यापक स्तर पर होता है।

मनमोहक लैवेण्डर

हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर ने लैवेण्डर की खेती के लिए चम्बा घाटी को सबसे उपयुक्त पाया। हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान ने वर्ष 2000 में हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर के सहयोग से चम्बा जिले के सलूणी ब्लाक में लैवेण्डर की खेती प्रारम्भ की तथा पौधशाला भी लगाई। हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान ने हिमाचल प्रदेश के अन्य जिलों जैसे मंडी, शिमला और कुल्लू में लैवेण्डर की खेती का विस्तार किया। इसकी खेती की सफलता को देखते हुए इस संस्थान ने उच्च फसल देने वाली लैवेण्डर और लैवेन्डिन की सुधरी हुई विदेशी प्रजातियों को इंगलैंड से आयात किया जिनका मूल्यांकन चल रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान लगातार उच्च गुणवत्तायुक्त पौध सामग्री विकसित करके भारतीय किसानों को आज भी सुगमता से उपलब्ध करवा रहा है। यही नहीं हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान इस फसल की खेती और प्रक्रमण तकनीक एवं सगंध तेल की गुणवत्ता के मूल्यांकन की सुविधा को भी इच्छुक किसानों को प्रदान कर रहा है।

भविष्य की संभावनाएं

व्यावसायिक तौर पर लैवेण्डर और लैवेन्डिन की खेती में काफी रुचि पायी गई है, और कृषकों द्वारा विभिन्न आकार के बहुत से खेत स्थापित किए जा रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी चुनौती एक जैसा उत्पाद बनाए रखने की है जिससे कि बाजार की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत अधिक प्रतिस्पर्धा है। भारत में उपयुक्त निर्यात हेतु कीमतों में गुंजाइश बहुत कम है। उत्पादन लागत को कम रखना आवश्यक है ताकि अधिक लाभ अर्जित किया जा सके।

हिमालय क्षेत्र की पारिस्थितिकी को देखते हुए इस फसल को लगाने की बहुत अधिक संभावना है क्योंकि यहां की भूमि खाद्य फसलों के लिए उतनी उपयुक्त नहीं है। इस प्रकार की भूमि कुछ चुनी हुए व्यावसायिक वैकल्पिक फसलों की खेती और प्रक्रमण के लिए अत्यधिक उपयोगी है तथा लैवेण्डर और लैवेन्डिन तेल की फसलें महत्वपूर्ण वैकल्पिक फसलें हैं। अतः ठण्डे एवं शुष्क हिमालय क्षेत्रों में इनके उत्पादन की भविष्य में अच्छी सम्भावनाएं हैं।

कश्मीर घाटी, हिमाचल के शीतोष्ण क्षेत्र, उत्तरांचल और दक्षिण भारत के पहाड़ी क्षेत्र लैवेन्डुला की इन दो प्रजातियों (वास्तविक लैवेण्डर एवं लैवेन्डिन) को लगाने के लिए सबसे उपयुक्त हैं। इन क्षेत्रों के कृषक लेवेण्डर फसल को अपना सकते हैं।

महत्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय लैवेण्डर उत्पाद

विश्व बाजार में लेवेण्डर आधारित बहुत से सगंध एवं सौन्दर्य प्रसाधन संबंधी उत्पाद उपलब्ध है। आसवन उपरान्त लैवेण्डर तेल इस प्रकार के उत्पाद तैयार करने में प्रयुक्त होता है। जिससे अधिक लाभ की प्राप्ति होती है।

कुछ प्रमुख उत्पादों के नाम इस प्रकार है

लेवेण्डर एण्ड मिंट कन्डीशनिंग शैम्पू , लेवेण्डर रोलर बाल, लैवेण्डर बॉडी बाल, लैवेण्डर मॉस्चोराइजर, लैवेण्डर जैल, सेवेण्डर बाथ सोप, लैवेण्डर क्रीम बॉडी वाश, लेवेण्डर एण्ड ईवनिंग प्राइमरोज सोप, लेवेण्डर वाइपैस, लैवेण्डर व्हीट कुशन, लेवेण्डर बेड लाइनन मिस्ट, लेवेण्डर फोमिंग फेस वाश, लेवेण्डर हैण्ड क्रीम, लैवेण्डर हैड कूलिंग कुशन, लैवेण्डर एण्ड बर्गामोट बॉडी सुंदर, लैवेण्डर एक्सफ्लोटिंग बॉडी स्क्रब, लेवेण्डर लाइनन फ्रेशनिंग पोमेंडर, लैवेण्डर एरोमाथेरैपी केन्डल आदि ।

एक उद्योग के रूप में स्थानीय लोग इस प्रकार के उत्पाद बनाकर अधिक आय अर्जित कर सकते हैं।

श्रोत:- विज्ञान प्रगति पत्रिका

Related posts

Leave a Comment