मानसिक शांति व बीमारियों से बचाव के लिए करें सही रंगों का प्रयोग

जीवन में रंगों का प्रभाव

जीवन में रंगों का प्रभाव – मानसिक शांति व बीमारियों से बचाव के लिए करें सही रंगों का प्रयोग

 

रंगो से मानसिक शांति मिलने के साथ साथ कई बीमारियां भी ठीक होती हैं । हर दिन के लिए उपयुक्त अलग-अलग रंग भी बताए गए हैं

रंगों से यह सृष्टि और हमारी जिंदगी रंग-बिरंगी बनती है । ये रंग ना सिर्फ हमें खुश मिजाज बनाने की क्षमता रखते हैं, बल्कि इनके सम्यक प्रयोग से हम कई बीमारियों से भी राहत पा सकते हैं । हमारी मनोदशा बदलने में भी यह रंग कारगर भूमिका निभाते हैं । इसलिए ज्योतिष शास्त्र एवं वास्तु शास्त्र में भी रंगों को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है । जानते हैं रंगों की कुछ विशेषताएं:

सही रंग के संग जिंदगी में उमंग

लाल
आमतौर पर लाल रंग उत्तेजना, आक्रोश और उग्र मनोदशा को दिखाता है । पर इसके साथ ही यह शक्ति, महत्वाकांक्षा और ऊर्जा का भी परिचायक माना जाता है । यदि व्यक्ति को हृदय रोग व हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है, तो उसे लाल रंग का प्रयोग कम से कम करना चाहिए । पर आप नकारात्मक विचारों से घिरे रहते हैं, तो लाल रंग आपको राहत दे सकता है ।

नीला
इस रंग की तासीर ठंडी है । यह मस्तिष्क व स्नायु मंडल को शांति देता है । साथ ही डिप्रेशन, कुंठा, चिंता, तनाव और थायराइड ग्रंथि से संबंधित शिकायतों में भी यह रंग कारगर माना जाता है ।

हरा
इस रंग की तासीर ठंडी होती है । यह रंग हृदय रोगियों को काफी राहत प्रदान करता है और साथ ही आंखों और दिमाग को भी राहत देता है । यह रंग शांति और विश्राम का भी प्रतीक है ।

पीला
इस रंग का उदार क्षेत्र पर विशेष प्रभाव माना जाता है । यह पेन्क्रियाज व डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्तियों को राहत प्रदान करता है । इस रंग की तासीर गर्म है और यह बुद्धिमत्ता का प्रतीक भी है ।

सफेद
सच्चाई और शक्ति का प्रतीक यह रंग भावनात्मक दुखों को कम करने में मददगार माना जाता है । वैसे इस रंग का आवश्यकता से अधिक प्रयोग अच्छा नहीं माना जाता ।

गुलाबी
यह रंग भावुकता का प्रतीक है । यह जातक में आक्रामक प्रवृत्ति, क्रोध एवं चिड़चिड़ापन को कम करता है । साथ ही इस रंग का प्रयोग करने पर आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और मस्तिष्क भी सक्रिय रहता है ।

काला

रहस्य और विरोध का प्रतीक यह रंग उन लोगों के लिए उपयुक्त माना जाता है, जिन्हें यथा स्थिति में विश्वास हो । पर इसका अधिक प्रयोग व्यक्ति को अहंकारी बना देता है तथा इसमें क्रूरता भर देता है ।

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