आमल की एकादशी व्रत का महत्व सभी एकादशीयों में अमला एकादशी का भी महत्वपूर्ण स्थान है । इस एकादशी को करने से न सिर्फ मार्ग की बाधाएं दूर होती है, बल्कि धन-धान्य और ऐश्वर्य भी मिलता है । भगवान श्री राम ने भी अपनी कामना की पूर्ति के लिए यह एकादशी की थी । फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी अमला एकादशी के नाम से जानी जाती है । पुराणों के अनुसार एक बार भगवान विष्णु के थूकने पर चंद्रमा के समान कांति मान बिंदु पृथ्वी पर गिर गया, जिससे…
Read MoreAuthor: hindigarima
Best Hindi Paheliyan– हिंदी पहेलियाँ – Paheliyan with answer in Hindi
पहेलियाँ सिर्फ हमारा मनोरंजन ही नहीं करती, बल्कि वो हमारे दिमाग को भी तेज करती है। क्यों कि पहेलियाँ हमें गहराई तक सोचने पर मजबूर करती है। पहेलियाँ बच्चों से जरूर पूछनी चाहिए जिससे उनकी तार्किक क्षमता में विकास होता है। इसलिए हम आप के लिए ढेर सारी उत्तर के साथ मजेदार हिंदी पहेलियां Paheliyan with answer in Hindi लाएं हैं। उम्मीद करते है कि ये सब हिंदी पहेलियाँ – Hindi Paheliyan आप को अच्छी लगेंगी, पहेलियाँ का आनंद लीजिये। मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित वृंदावन में दो जने, एक ही…
Read Moreमोटिवेशनल कहानी । एक वाक्य ने बदल दी मेरी जिंदगी
मोटिवेशनल कहानी: बीएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा की तैयारी चल रही थी। कॉलेज में आधा से अधिक सिलेबस समाप्त हो चुका था । मगर मेरी पढ़ाई अभी भी अधूरी थी। पढ़ाई मुझे कठिन लग रही थी। चाहकर भी किसी विषय को पूरा नहीं कर पाया था। हमारे बॉटनी वाले त्रिपाठी सर बहुत अच्छा पढ़ाते थे और बीच-बीच में हंसाते भी रहते थे, ताकि बच्चे बोर न हों। एक दिन त्रिपाठी सर क्लास में आए और पढ़ाते पढ़ाते अचानक पूछ बैठे, आप लोगों में से कितने लोग नियमित अखबार पढ़ते हैं।…
Read Moreनैतिक कहानी: किसी का उपहास करना ठीक बात नहीं
मेरा एक दोस्त बरेली में रहता है। वह काफी कुशाग्र है। जब भी मैं किसी परेशानी में आता हूं, तो वह मेरी मदद करता है। पर वह अपने ऊपर इठलाने वाले लोगों से काफी चिढ़ता है। कैरम के खेल में उसे महारत हासिल है। लेकिन इस बात का वह घमंड नहीं करता। एक बार वह मेरे शहर में आया था। हम दोनों दोस्त साथ-साथ खूब घूमते रहेते। एक दिन मेरी कॉलोनी में कुछ लड़के कैरम खेल रहे थे। हम दोनों टहलते हुए उनके पास खड़े होकर उनका खेल देखने लगे।…
Read Moreनैतिक कहानी: तमाचा
दफ्तर से लौट कर आने पर राहुल का चेहरा खिला-खिला न पाकर उसके पंडित मित्र दीनानाथ ने पूछा, ‘आज तू उदास क्यों है, मेरे यार?’ राहुल बोला, ‘आज मेरे दफ्तर के सामने वाली सड़क पर मेरी टक्कर एक ट्रैक्टर से हो गई। मैं तो किसी तरह बच गया, मगर….मगर।’ मगर क्या? दीनानाथ ने चौंक कर पूछा, मानो कि राहुल का बड़ा नुकसान हो गया हो। राहुल बोला, ‘मैं तो बच गया, लेकिन वह टैक्टर वाला मुझे बचाने के चक्कर में अपना संतुलन नहीं बना पाया और उसका ट्रैक्टर एक पेड़…
Read Moreआध्यात्मिक कहानी । मैं हर जगह मौजूद हूं
एक दिन भगवान श्री कृष्ण,अपनी बहन द्रोपदी के साथ शाम की सैर कर रहे थे। द्रोपदी जी भगवान श्रीकृष्ण से बोली, ‘भैया, मैंने तो सुना है कि आप हर जगह मौजूद रहते हैं। पर उस समय आप कहां थे, जब दु:शासन मेरा चीर हरण कर रहा था?’ श्री कृष्ण पहले मुस्कराए और फिर बोले,’बहन, जब दु:शासन तुम्हारा चीर हरण कर रहा था, तब तुम अपनी साड़ी को दोनों हाथों से पकड़कर बचने का प्रयास कर रही थी। थोड़ी देर की जद्दोजहद के बाद जब तुम्हारा जोर नहीं चला, तो तुमने…
Read MoreSpiritual Stories in hindi, आध्यात्मिक लघु कहानियां
आध्यात्मिक लघु कहानी:- वह मजबूत बना है, यही विधान है एक बार भगवान शंकर व माता पार्वती टहल रहे थे । पार्वती ने अपनी शंका समाधान के लिए पूछा, ‘प्रभु क्या कारण है कि आप बने हुए को बनाते हैं और बिगड़े हुए को बिगड़ते हैं? जो पहले से ही धनवान है और उसे और अधिक धनवान बनाते हैं ।’ शंकर जी ने कहा यह बात आपको समझ में नहीं आएगी।’ पार्वती जी ने कहा, ‘भला ऐसी कौन सी बात है, जो मेरे समझ में नहीं आएगी । आप बताइए…
Read MoreShattila Ekadashi: जानिए षटतिला एकादशी का महत्व और पूजाविधि
षटतिला एकादशी पर दे तिल की यज्ञ आहुति षटतिला एकादशी के दिन व्रत पूजन करने से मन के कलुषित विचार नष्ट होते हैं। इस व्रत में तिल का विशेष महत्व है। षटतिला एकादशी का महत्व माघ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार, यह एकादशी समस्त पापों को नष्ट करने वाली तथा दिव्य उत्कृष्ट गुणों को प्रदान करने वाली है। इस एकादशी व्रत एवं पूजन करने वाले मनुष्यों के मन के सारे कलुषित विचार नष्ट हो जाते हैं और वह राग, द्वेष रहित…
Read Moreशल्य चिकित्सा के जनक थे भगवान धन्वंतरि
आयुर्वेद और शल्य चिकित्सा के जनक थे भगवान धन्वंतरि वेदों और पुराणों में दुनिया के पहले शल्य चिकित्सक के रूप में भगवान धन्वंतरि की ही पूजा की जाती है। पुराणों में कथा है कि परमपिता, सृष्टि रचयिता ब्रह्मा जी ने मनुष्यों की रचना की। उन्होंने आयुर्वेद का ज्ञान सबसे पहले अपने पुत्र दक्ष को दिया। दक्ष प्रजापति ने यह ज्ञान अश्विनी कुमारों को दी। फिर देवराज इंद्र ने यह विद्या सीखी और फिर इंद्र ने महर्षि धन्वंतरि को विद्या प्रदान की। इन्हें विष्णु का अवतार भी कहा जाता है। एक…
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