जानें, क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या अंतर हैं

Difference between Cryptocurrency and Digital currency in hindi

लोगों ने क्रिप्टो करेंसी खरीद और बेच कर फायदा कमाना भी शरू कर दिया है और भारत सरकार ने टेक्स लगाने की बात भी कह दी है। ऊपर से फाइनेंस मिनिस्टर ने डिजिटल करेंसी लाने की बात कही है। आप को नहीं पता तो हम बताते है कि क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) और डिजिटल करेंसी (Digital currency) क्या है।

वैसे तो क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) और डिजिटल करेंसी (Digital currency) दोनों अलग बातें है लेकिन एक दूसरे से जुडी है।

पहले बात करते है कि डिजिटल करेंसी (Digital currency) क्या है ।

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इंडिया में डिजिटल करेंसी (Digital currency) शरू हो जाएगी जो RBI के कण्ट्रोल में होगी। जैसे कागज का रुपया होता है। वैसे ही डिजिटल रुपया होगा, इसे कैसे इस्तेमाल किया जायेगा ये दिशा निर्देशों को RBI जारी करेगी।

दुनिआ भर में क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) या कहिये वर्चुअल करेंसी का Craze बढ़ रहा है, इसको देखते हुए भारत ने भी इस तरह से अपनी डिजिटल करेंसी लेन कि सोची है।

चीन अपनी डिजिटल करेंसी डिजिटल युआन ला चुका है। अमेरिका भी डिजिटल डॉलर लाने की सोच रहा है।

अब आते हैं क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) पर क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है। आप इसे खरीदते है या इससे कुछ खरीदते है, तो इसके लिए बैंक या ब्रोकर नहीं चाहिए भारत में ये अभी लीगल नहीं है, लेकिन डिजिटल करेंसी आरही है तो हो सकता है क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार कोई Announcement कर दे।

फ़िलहाल तो ये Announcement है कि जो लोग क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) से कमाई कर रहे है उस पर ३०% टैक्स लगेगा

लोग कमाई कैसे कर रहे है क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) से

जैसे लोग शेयर मार्किट में पैसा लगते है शेयर खरीदते है, शेयर बेचते है वैसे ही लोग क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) खरीदते है और बेचते है लेकिन शेयर मार्किट और क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) में बड़ा फर्क है, कि शेयर मार्किट regularized है इसका सिस्टम है। अभी क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) भारत में regularized नहीं है क्यों कि अभी इसकी Legal Clarity नहीं है इंडिया में इसको लेकर।

अगर आपको क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) लेनी है तो कैसे लेगें

वैसे दुनिया भर में कई क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) चल रही है लेकि बिटकॉइन (Bitcoin) काफी पॉपुलर है। ऐसे कई सरे Apps है जिस से क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) खरीदी और बेचीं जाती है ।

अब एक पेच है कि आप को नहीं पता कि क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) का मार्किट क्यों ऊपर जा रहा है और क्यों नीचे जा रहा है आप कुछ Definite तो पता कर नहीं सकते ये बहुत स्पेक्युलेटिवे मार्किट है कभी एक बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत एक रूपए हो सकती है और कभी ३० हजार और कभी ३० लाख रूपए भी हो सकती है। इसमें काफी फायदा और काफी नुकसान भी हो सकता है।

टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क ने कहा था कि उनकी कंपनी कि कारें बिटकॉइन (Bitcoin) से नहीं खरीदी जा सकती तो बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत एक दम घाट गई। और जब जापान ने इसे लीगल कर दिया तो इसकी कीमत बढ़ गई।

क्या इससे कुछ खरीदा भी जा सकता है।

हाँ पर ये अभी ज्यादा मैं स्ट्रीम तो नहीं हुआ है। पर अमेज़न और एप्पल जैसी जगहों पर इसकी Purchasing सुरु हो गई है। बाँकी और कंपनी भी इस ओर बढ़ रही हैं। इसको रखने के लिए डिजिटल वॉलेट भी होता है। जिसके साथ एक अनोनिमस आइडेंटिफिकेशन अटैच होता है, इसे एक तरह से पासवर्ड कि तरह मान सकते है, कि आप को कोई चीज खरीदनी है। तो पहली बात तो ये कि जिस कंपनी से खरीदनी है वो डिजिटल करेंसी को Accept करती हो फिर आप को अपने डिजिटल वॉलेट से कंपनी के डिजिटल वॉलेट में पैसा ट्रांसफर करना होगा। जिसे अनोनिमस आइडेंटिफिकेशन नंबर के जरिये। ये जो अनोनिमस ट्रांजेक्शन हो रहा है इसकी वजह से कुछ चीजे भी हो रही है, मनी लॉन्ड्रिंग के केस भी सामने आरहे हैं। कुछ दिनों से ब्लॉक चैन डाटा एनालिसिस कंपनी ने कुछ दिन पहले रिपोर्ट निकली है कि क्रिप्टो मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ३० % बढ़ गए है इन खतरों को देखते हुए इंडिया में अभी क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) पर कोई फैसला नहीं लिया है।

क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) और भारत कि डिजिटल करेंसी (Digital currency) में फर्क ये है डिजिटल करेंसी (Digital currency) रेगुलेटेड है और इसे सिर्फ भारतीय रिज़र्व बैंक जारी कर सकता है लेकिन दोनों ही ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी पर रेगुलेट होंगी भारत में ये टेक्नोलॉजी अगले साल तक आजायेगी।

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