नैतिक कहानी : फोटो खींची तो सच सामने था

नैतिक कहानी : फोटो खींची तो सच सामने था

घर से बाहर ऐसे ही टहल रही थी, तभी एक सत्रह – अठारह साल का लड़का मेरे पास आया और कहने लगा कि मेरे पापा बहुत बीमार हैं और उनका ऑपरेशन होना है। मगर मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि उनका इलाज करवा सकूं। मैडम अगर आप जैसे लोग कुछ मदद करें, तो शायद वे बच जाएँ। उसकी कहानी को सुन एक पल के लिए तो मैं भी भावुक हो गई थी। लेकिन पता नहीं मुझे उसकी बातों पर यकीन नहीं हो रहा था। मैंने उससे पूछा,’ क्या भीख मांग कर तुम इतना पैसा जुटा लोगे कि तुम्हारे पापा का ऑपरेशन हो जाए। क्योंकि इस छोटे से शहर में कुछ ज्यादा नहीं मिलने वाला। मगर हां, अगर तुम मेरे यहां काम करोगे, तो शायद मेरे घरवाले कुछ मदद कर दें।

मगर उसको मेरी बातें अच्छी नहीं लगी। जवाब में उसने कहा, ‘मुझे कोई काम नहीं करना आता’। मैंने कहा, ‘ठीक है। तुम्हें काम नहीं करना नहीं आता, तो कोई बात नहीं। अभी मैं मोबाइल से तुम्हारा फोटो खींचती हूं और अखबार में तुम्हारी मदद के लिए इश्तिहार दे देती हूं।

जैसे ही फोटो खींचने की बात की वह डर गया। डर से उसने अपनी सारी पोल खोल दी। उसने कहा मेरे पापा का कोई ऑपरेशन नहीं होने वाला। मैं झूठ बोलकर ऐसे ही भीख मांगा करता हूं। वैसे भी अनपढ़ आदमी को काम कौन देगा ? फिर मैंने अपने चाचा से बात कर उनके स्कूल में चपरासी की नौकरी दिलवा दी। आज वह एक अच्छी जिंदगी जी रहा है और परिवार चला रहा है।

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