रुद्राक्ष क्या है, रुद्राक्ष कितने प्रकार के होते हैं? व रुद्राक्ष पहनने के लाभ रुद्राक्ष धारण करने के नियम रुद्राक्ष धारण करने के लाभ मुखों के अनुसार रुद्राक्ष तथा उनके लाभ रुद्राक्ष क्या है रुद्राक्ष भगवान शंकर की एक अमूल्य और अद्भुत देन है। इसको पहन कर हम जहां आध्यात्मिक रूप से उन्नति कर सकते हैं। इसको पहन कर सांसारिक दुखों एवं बाधाओं से भी छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं। शिव पुराण, लिंग पुराण, पद्म पुराण तथा अन्य पुराणों एवं धार्मिक ग्रंथों में रुद्राक्ष की महानता का वर्णन किया गया…
Read Moreबीमा क्या है और बीमा कितने प्रकार के होते हैं?
बीमा क्या है? इसके प्रकार और फायदे What is Insurance? Its Types बीमा एक लीगल एग्रीमेंट होता है जो दो पार्टियों के बीच होता है बीमा कंपनी और बीमा करवाने वाला व्यक्ति इस एग्रीमेंट के अनुसार यदि कोई व्यक्ति बीमा कंपनी से बीमा करवाता है तो फ्यूचर में होने वाले फाइनेंसियल घाटे की भरपाई बीमा कंपनी करती है। बीमा का क्या काम होता है बीमा एग्रीमेंट के तहत बीमा कंपनी के द्वारा बीमित व्यक्ति से एक फिक्स अमाउंट लिया जाता है जिसे प्रीमियम कहते है। प्रीमियम लेने के बाद यदि…
Read Moreकर्ज के बोझ से खुद को कैसे बाहर निकालें
Karj me fanse hain bahar kaise nikle. credit card karj se bahar Kaise nikle. karza cukana loan repayment tips repay. कर्ज उतारना है कर्ज उतारने के टिप्स जानिए, कर्ज उतारने के टिप्स अगर हम बात कर्ज की करे तो हर दूसरा व्यक्ति कर्ज में डूबा हुआ है। एक बार कर्ज लेने के बाद लोग इसे अदा नहीं कर पाते है, क्युकी आजकल की लाइफ स्टाइल ही कुछ ऐसी हो गयी है। हमने देखा है कुछ लोगों को जिन्होंने लोन लिया है, क्रेडिट कार्ड यूज करते है, एक नहीं दो-दो क्रेडिट…
Read Moreजानिए, आपकी यात्रा कैसे बने ‘मंगलमय’
जानिए, अपनी यात्रा की दिशा के अनुसार शुभ दिन यात्रा पर निकलने से पूर्व शुभ मुहूर्त पर विचार करने की परंपरा सदियों से रही है । आज भी लोग इस नियम का पालन करते हैं, ताकि उनकी यात्रा मंगलमय हो । ऐसे कुछ नियम आप भी जाने रविवार को किस दिशा में यात्रा करनी चाहिए * रविवार को आप पूर्व, उत्तर व आग्नेय ( दक्षिण-पूर्व ) दिशा में यात्रा कर सकते हैं, मगर पश्चिम, वायव्य (उत्तर-पश्चिम) में सफर करने से बचें । इस दिन दलिया व घी खाकर यात्रा करें…
Read Moreनैतिक कहानी: जैसे को तैसा
एक बार की बात है। एक गांव में गरीब किसान रामू रहता था। उसकी दो बेटियां थी। जब वह अपनी पहली पुत्री का विवाह कर रहा था, तो उसे कुछ बर्तनों की आवश्यकता पड़ी। उसने पास के एक साहूकार से किराए पर कुछ बर्तन ले लिए। विवाह के बाद उसने साहूकार के बर्तन वापस कर दिए, जिनके साथ किसान के छोटे-छोटे बर्तन भी चले गए। जब वह किसान अपने छोटे बर्तनों को लेने गया, तो साहूकार ने कहा, ‘नहीं, ये तो मेरे बर्तनों के छोटे बच्चे हैं।’ यह कहकर उसने…
Read Moreहकीक रत्न के फायदे
हकीक दिलाता है हक धरती पर मिलने वाले कई पत्थर और रत्नों में हकीक का अलग ही महत्व है। यह लाल, पीले व सफेद आदि कई रंगों में पाया जाता है। इसकी लोकप्रियता की एक वजह इसका सस्ता व आसानी से सुलभ होना भी है। विशेष रूप से नर्मदा और गोदावरी नदी के तल में पाए जाने वाले हकीक को हक दिलाने वाला पत्थर माना जाता है। जिस हकीक में सफेद पट्टीयां पाई जाती हैं उसे सर्वश्रेष्ठ और सुरक्षात्मक माना जाता है। ● इस रत्न के बारे में यह भी…
Read Moreनैतिक कहानी: अंधविश्वास बनाम आत्मविश्वास
बात काफी पहले की है। मेरे गांव में एक पंडित जी रहते थे। वह हमेशा लोगों को मूर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा करते थे। एक दिन उन्होंने लोगों को बताया कि कल के दिन प्रातः से सायंकाल तक जो कोई भी गंगा स्नान करेगा, वह पत्थर का हो जाएगा। दूसरे दिन सुबह से ही पंडित जी और गांव वाले नदी के किनारे खड़े थे। जो कोई भी आता, उसे तुरंत रोक दिया जाता। यह कहकर कि पानी में स्नान करने से तुम पत्थर के बन जाओगे। ऐसा करते-करते दोपहर तक…
Read MoreA beggar story : झूठा भिखारी और दान
गली में जोर-जोर से भिखारी चिल्ला रहा था, ‘मेरी मदद करो, गरीब की मदद करो, अल्लाह तुम्हें बहुत देगा।’ कुछ औरतें घर से आटा, पैसा लेकर बाहर आई और भिखारी को देने लगीं, परंतु उसने आटा पैसे लेने से इंकार कर दिया। सब आश्चर्य से उसे देखने लगे। वही नुक्कड़ पर चार-पांच युवक खड़े थे। भिखारी के आटा-पैसे न लेने पर वह भी उसे देखने लगे। फिर उन्होंने भी उसे लेने को कहा, किंतु उसने कुछ भी नहीं लिया। तब एक लड़के ने पूछा, ‘तो तुम्हें क्या चाहिए बाबा ?’…
Read Moreनैतिक कहानी: आदतों को कैसे लगा देती आग
आदतों को कैसे लगा देती आग, एक बूढी मां की कहानी बात हमारे शहर के ही एक घर की है। घर के मुखिया के गांव में देहांत के बाद बेटा अपनी मां को शहर में अपने घर ले आया। पति के अचानक चले जाने से गांव के उस हवेली नुमा मकान में अम्मा का जीवन दुष्कर हो गया था। पर बेटे ने मां की चिंता की और वह उन्हें अपने साथ शहर ले आया। अम्मा को लगा केवल जगह ही बदल गई है। भले ही यह उनके पति का घर…
Read Moreनैतिक कहानी: घर की रोटी
‘देवदास बने बैठे हो।’ साथी ने धौंस जमाते हुए पूछ। उसने आंखें ऊपर उठाई डबडबाई आंखें देखकर धौंस जमाने वाला सकते में आ गया। उसने तुरंत पूछा, ‘क्या हुआ?’ ‘कुछ नहीं यार! इसी गाड़ी से उतरा हूँ। उतरते-उतरते रोटियों की यह पोटली उठा लाया हूँ।’ ‘रोटियों की पोटली?’ कहकहा लगाना चाहता था, वह, पर स्थिति भांपते हुए यह कहते-कहते रुक गया कि पॉकेट मारी छोड़कर भिखारियों वाला धंधा कब से अपना लिया? अपना दर्द उलीचते हुए वह बोला, ‘सालों बीत गए, मां के हाथ की बनी भीनी-भीनी सुगंध वाली रोटियां…
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