नैतिक कहानी: अंधविश्वास बनाम आत्मविश्वास

नैतिक कहानी: अंधविश्वास बनाम आत्मविश्वास

बात काफी पहले की है। मेरे गांव में एक पंडित जी रहते थे। वह हमेशा लोगों को मूर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा करते थे। एक दिन उन्होंने लोगों को बताया कि कल के दिन प्रातः से सायंकाल तक जो कोई भी गंगा स्नान करेगा, वह पत्थर का हो जाएगा। दूसरे दिन सुबह से ही पंडित जी और गांव वाले नदी के किनारे खड़े थे। जो कोई भी आता, उसे तुरंत रोक दिया जाता। यह कहकर कि पानी में स्नान करने से तुम पत्थर के बन जाओगे। ऐसा करते-करते दोपहर तक…

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A beggar story : झूठा भिखारी और दान

A beggar story : झूठा भिखारी और दान

गली में जोर-जोर से भिखारी चिल्ला रहा था, ‘मेरी मदद करो, गरीब की मदद करो, अल्लाह तुम्हें बहुत देगा।’ कुछ औरतें घर से आटा, पैसा लेकर बाहर आई और भिखारी को देने लगीं, परंतु उसने आटा पैसे लेने से इंकार कर दिया। सब आश्चर्य से उसे देखने लगे। वही नुक्कड़ पर चार-पांच युवक खड़े थे। भिखारी के आटा-पैसे न लेने पर वह भी उसे देखने लगे। फिर उन्होंने भी उसे लेने को कहा, किंतु उसने कुछ भी नहीं लिया। तब एक लड़के ने पूछा, ‘तो तुम्हें क्या चाहिए बाबा ?’…

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नैतिक कहानी: आदतों को कैसे लगा देती आग

Hindi Moral Stories । Hindi Naitik Kahaniya । नैतिक कहानियां

आदतों को कैसे लगा देती आग, एक बूढी मां की कहानी बात हमारे शहर के ही एक घर की है। घर के मुखिया के गांव में देहांत के बाद बेटा अपनी मां को शहर में अपने घर ले आया। पति के अचानक चले जाने से गांव के उस हवेली नुमा मकान में अम्मा का जीवन दुष्कर हो गया था। पर बेटे ने मां की चिंता की और वह उन्हें अपने साथ शहर ले आया। अम्मा को लगा केवल जगह ही बदल गई है। भले ही यह उनके पति का घर…

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नैतिक कहानी: घर की रोटी

chule ki roti

‘देवदास बने बैठे हो।’ साथी ने धौंस जमाते हुए पूछ। उसने आंखें ऊपर उठाई डबडबाई आंखें देखकर धौंस जमाने वाला सकते में आ गया। उसने तुरंत पूछा, ‘क्या हुआ?’ ‘कुछ नहीं यार! इसी गाड़ी से उतरा हूँ। उतरते-उतरते रोटियों की यह पोटली उठा लाया हूँ।’ ‘रोटियों की पोटली?’ कहकहा लगाना चाहता था, वह, पर स्थिति भांपते हुए यह कहते-कहते रुक गया कि पॉकेट मारी छोड़कर भिखारियों वाला धंधा कब से अपना लिया? अपना दर्द उलीचते हुए वह बोला, ‘सालों बीत गए, मां के हाथ की बनी भीनी-भीनी सुगंध वाली रोटियां…

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प्रेरणादायक कहानी – क्योंकि मैं भी एक मां हूं

प्रेरणादायक कहानी - क्योंकि मैं भी एक मां हूं

मैं शॉपिंग करने मॉल गई थी । शापिंग करते वक्त मैंने देखा कि 14-15 साल का किशोर सेल्स गर्ल से उलझ रहा था । थोड़ी देर बाद वह बिल काउंटर पर गया, लेकिन शायद वहां भी उसकी बात नहीं सुनी गई । वह पुनः आकर सेल्सगर्ल से अनुरोध करने लगा । उसने भी उसे अनदेखा कर दिया । आखिरकार मुझसे रहा नहीं गया मैंने सेल्स गर्ल से घटना की बाबत पूछा तो वह बिफर गई। वह बोली, मैडम हमने तो पहले ही डिस्काउंट दे रखा ह। हम इससे ज्यादा डिस्काउंट…

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वैशाखी पूर्णिमा देती है पूर्ण समृद्धि

Baisakhi Purnima - वैशाखी पूर्णिमा का महत्व

वैशाखी पूर्णिमा का महत्व   वर्ष में आने वाली सभी पूर्णिमा में वैशाखी पूर्णिमा का भी महात्म्य है । इस दिन विधि-विधान से श्री हरि विष्णु का पूजन करने से उनकी कृपा अवश्य मिलती है वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि वैशाखी पूर्णिमा अथवा पीपल पूनम के नाम से जानी जाती है । प्राचीन काल में वैशाखी पूर्णिमा के दिन दैत्यो द्वारा अपहृत देवताओं का अखंड साम्राज्य श्री हरि विष्णु की कृपा से उन्हें वापस मिल गया था । इसलिए सभी देवताओं ने प्रसन्न होकर इस तिथि को…

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भूलकर भी न करें ये काम, नाराज हो सकती है धन की देवी लक्ष्मी

Om Jai Lakshmi Mata

अगर करेंगे ये काम तो नहीं आएगी लक्ष्मी ★ जो व्यक्ति आलसी होते हैं, ईश्वर में विश्वास नहीं करते, जो आचार भ्रष्ट, चोर तथा कपटी होते हैं, उनके यहां लक्ष्मी नहीं आती। ★ जो गुरु पत्नी पर बुरी नजर रखता है। उसके घर से हमेशा के लिए लक्ष्मी चली जाती है। ★ जो व्यक्ति एक पांव से दूसरा पांव रगड़ कर धोता है, गंदे स्थान पर सोता है, दिन में सोता है, उसके घर लक्ष्मी नहीं आती। ★ जो व्यक्ति घर में बनाया हुआ मिष्ठान घर में रहने वालों को…

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Hindi Moral Story : कुत्तों ने बचाया

Hindi Moral Story : कुत्तों ने बचाया

शास्त्रों में कहा गया है, असहाय, निर्बल एवं कमजोर की सहायता करनी चाहिए और पशु-पक्षियों को खिलाना चाहिए। इससे कल्याण होता है। एक दिन मैं किसी काम से बुलंदशहर गया था मुझे वहां शाम हो गई और रात वहीं पर बितानी थी। लिहाजा मैंने अपने दोस्त का मोबाइल नंबर मिलाया और पता पूछ कर उसके घर की ओर चल पड़ा। क्योंकि उसका घर ज्यादा दूर नहीं था, इसलिए मैंने पैदल ही चलने का निश्चय किया। शाम के सात बज चुके थे और अंधेरा हो चला था। उसके बताए पते पर…

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प्रेरक प्रसंग : शादी करोगे तो घाटे में नहीं रहोगे

prerak prasang sukrat

दार्शनिक सुकरात का एक शिष्य कशमकश में था कि उसे विवाह करना चाहिए या नहीं । उसने अपने मित्रों, परिचितो, सगे संबंधियों और बड़े बुजुर्गों से सलाह ली, सबने अपनी-अपनी सलाह दी लोगों की सलाह से शिष्य का सिर चकरा गया । अंत में उसने गुरु की शरण ली । उसने सोचा गुरुजी का पारिवारिक जीवन बहुत कष्टकारी रहा था । इसलिए वे ज्यादा व्यवहारिक और सही रास्ता बताएंगे । फिर वह सुकरात से सलाह लेने चला गया । सुकरात ने उससे कहा तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए। शिष्य यह…

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प्रेरक प्रसंग : दूध और खून

गुरु नानक लोगों को उपदेश देते हुए एक गांव में पहुंचे और गरीब बढ़ई के घर पर ठहरे। उसका नाम ‘लालो’ था। उसी गांव में एक धनाढ्य व्यक्ति रहता था, जिसका नाम ‘मलिक भागो’ था। उसने एक दिन गांव के सारे लोगों को भोजन के लिए निमंत्रित किया। सारे लोगों के खा चुकने पर उसने नौकरों से पूछा कि कहीं कोई आदमी बिना खाए तो नहीं है? इस पर नौकरों ने बताया कि ‘लालो’ के घर में एक साधु आया है, जो भोजन से वंचित रह गया है। भागो ने…

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