सकारात्मक ग्रहों से संबंधित रत्नों को धारण करने से मिलता है सर्वोत्तम लाभ

Gems ring

ज्योतिष शास्त्र का एक सामान्य नियम है कि आपकी कुंडली में जो भी ग्रह शक्तिशाली हैं यह सर्वाधिक अनुकूल फल देने वाला हो, जिन ग्रहों का आप पर सकारात्मक असर होता है, उन ग्रहों से संबंधित रत्नों को धारण कर या उनका उपयोग कर आप सर्वोत्तम लाभ के अधिकारी बन सकते हैं। पेश है ऐसी ही कुछ सलाहें

1) यदि आपका सूर्य ग्रह अशुभ स्थिति में है या शुभ भाव, मित्र राशि में हो, तो आपके लिए अम्बर रत्न, फ्लोराइट और क्रिसोलाइट धारण करना अच्छा रहेगा। अंबर जहां नकारात्मक भावों को सोखता है, वही फ्लोराइट में उपचारीय शक्ति अव्वल दर्जे की है। इसी तरह क्रिसोलाइट पत्थर रक्त विषाक्तता जैसी गंभीर बीमारी में लाभप्रद माना जाता है।

2) यदि आप पर चंद्रमा की कृपा हो, तो आप चंद्रकांत मणि, मणिज, पन्ना, कार्नेलियन में से कोई एक धारण कर सकते हैं। चंद्रकांत मणि आपको शान्तिप्रद स्तिथि में लाता है, तो वहीं मणिभ,या दूधिया क्वार्टज से भावनात्मक ऊर्जा सन्तुलित होती है। इसी तरह पन्ना आत्मविश्वास में वृद्धि करता है।

3) अगर आपको बुध की शुभता मिल रहा है, तो शैवाल सुलेमानी पत्थर और पटटीदार सुलेमानी पत्थर धारण करने से लाभ होगा । यह दोनों पत्थर धारक में निष्ठा भाव उत्पन्न करते हैं।

4) यदि शुक्र शुभ हो, तो आपको ओपल, लापस लाजुली यानी लाजवर्त, मूंगा, हरी सूर्यकांत मणि पहनने से लाभ होगा। ओपल जहां प्रोटीन संग्रह में मदद करता है, वही लाजवर्त से अतींद्रिय बढ़ती है।

5) मंगल ग्रह यदि आपकी कुंडली में शुभ हो,और रक्त प्रस्तर यानी ब्लडस्टोन, पितौनिया, स्मोकी ब्वाटर्ज और हीरा धारण करने से आपको लाभ होगा। हीरा साहस का पत्थर है और रक्त प्रस्तर पत्थर से रक्त शुद्ध होता है। हीरा धारण करने में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए।

6) यदि आपकी कुंडली में गुरु शुभ भाव में हो, तो टोपाज आपको ज्यादा लाभ देगा। यह दिमाग शांत रखता है और ताजगी भी देता है।

7) आपकी कुंडली में अगर शनि अच्छे भाव में बैठा हो, तो ओनेक्स और दाना फिरंग पहनने से श्रवण संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और आत्म नियंत्रण व् एकाग्रता जैसे गुणों में बढ़ोतरी होती है।

8) इसी तरह यदि आपकी कुंडली में यूरेनस स्थान पर हो, तो जिरकॉन और गारनेट पहनना उचित रहेगा। जिरकॉन अनिद्रा के उपचार में प्रयुक्त होने के साथ ही आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि को बढ़ाने वाला होता है। जबकि गार्नेट रक्त विकारों को दूर करता है। जबकि नेपच्यून शुभ होने पर एमेथिस्ट और एक्वामेरीन पहनने की सलाह दी जाती है।

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