हिमालयः पर संस्कृत निबंध । Essay on Himalya in Sanskrit

हिमालयः पर संस्कृत निबंध । Essay on Himalya in Sanskrit

“हिमालयः पर संस्कृत निबंध – हिमालय पर्वत की महिमा, महत्व, प्राकृतिक सौंदर्य एवं भारतीय संस्कृति में उसका स्थान जानिए। छात्र एवं प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु उपयुक्त।” हिमालयः पर संस्कृत निबंध हिमालयः (१) हिमालयः अस्माकं देशस्य उत्तरदिशि तिष्ठति। (२) अयं पर्वतराजः इति उच्यते। (३) अस्य पर्वतस्य अनेकानि शिखराणि सन्ति। (४) अयं पर्वतः विशालतमः अस्ति। (५) हिमालयः भारतस्य शुभ्रः मुकुटः इव विभाति। (६) अस्मिन् पर्वते तपस्विजनाः तपस्या कुर्वन्ति। (७) अत्र नाना विधाः वनस्पतयः विविधानि रत्नानि औषधयाश्च प्राप्यन्ते। (८) अनेकाः नद्यः हिमालयात् निर्गच्छन्ति। (६) अयं पर्वतः अस्माकं महोपकारकः अस्ति। (१०) संस्कृत साहित्ये हिमालयस्य महत्त्वपूर्णम्…

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मम अध्यापकः पर संस्कृत निबंध l Essay on my teacher in Sanskrit

मम अध्यापकः पर संस्कृत निबंध l Essay on my teacher in Sanskrit

“मम अध्यापकः” संस्कृत निबंध में एक आदर्श शिक्षक के गुणों, शिक्षण शैली और हमारे जीवन में उनके महत्व का सुंदर वर्णन किया गया है। छात्रों के लिए उपयोगी सरल और स्पष्ट निबंध। मम अध्यापकः पर संस्कृत निबंध   मम अध्यापकः (१) अस्माकं विद्यालये बहवः अध्यापकाः सन्ति। (२) तेषु संस्कृत अध्यापकः श्री कृष्ण कुमारः मम प्रियः अध्यापकः अस्ति। (३) तस्य जीवनं सरल विचारः च उच्चाः सन्ति। (४) सः छात्रैः सह पुत्रवत् व्यवहारं करोति। (५) सः अति अनुशासनप्रियः अस्ति। (६) सः कदापि कुपितः न भवति।। (७) छात्राः तस्य आदरं कुर्वन्ति। (८) यद्यपि…

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Meera Ke Pad । मीरा बाई के प्रसिद्ध पदों का सार और भावार्थ

Meera Ke Pad । मीरा बाई के प्रसिद्ध पदों का सार और भावार्थ

मीरा के पद – भक्ति रस से भरपूर काव्य संग्रह मीरा बाई के पदों में श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति का एक ऐसा अलौकिक और अनुपम स्वरूप देखने को मिलता है, यह भक्ति परंपरा में उन्हें एक अद्वितीय और सम्मानित स्थान प्रदान करता है। उन्होंने जिस भावपूर्ण प्रेम और निष्कलंक भक्ति को अभिव्यक्ति दी, वह अपने आप में अनूठी है। मीरा ने अपने जीवन को श्रीकृष्ण के चरणों में समर्पित कर दिया था — न जाति की सीमाएं उन्हें रोक सकीं, न समाज की बंधनें। उन्होंने सामाजिक रुढ़ियों और वर्ण व्यवस्था…

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प्रात:काल पर संस्कृत निबंध l Essay on morning time in Sanskrit

प्रात:काल पर संस्कृत निबंध l Essay on morning time in Sanskrit

“प्रातःकाल पर संस्कृत निबंध — जानिए प्रभात के सौंदर्य, महत्व और मानव जीवन में इसके लाभों का सुंदर वर्णन इस संस्कृत लेख के माध्यम से। छात्रों के लिए उपयुक्त।” प्रातःकाल (प्रभात) पर संस्कृत निबंध    प्रातः (प्रभातः) (१) प्रातः सूर्यः उदयति । (२) प्रातः तडागेषु कमलानि विकसन्ति । (३) कमलेषु भ्रमराः गुञ्जन्ति । (४) प्रातः छात्रा स्वपाठं स्मरन्ति । (५) प्रातः भक्ताः ईश्वरं प्रार्थयन्ति । (६) प्रातः मल्लाः व्यायामं कुर्वन्ति । (७) प्रातः गोपालाः धेनून् दुग्धं दुहन्ति । (८) प्रातः जनाः भ्रमणाय उद्यानानि गच्छन्ति । (६) प्रातः वृक्षेषु खगाः कूजन्ति…

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संस्कृत धातु रुप, परिभाषा, प्रकार, उदाहरण – Dhatu Roop in Sanskrit

संस्कृत धातु रुप, परिभाषा, प्रकार, उदाहरण - Dhatu Roop in Sanskrit

संस्कृत में क्रिया (Verb in Sanskrit) जिस शब्द के द्वारा किसी काम का करना या होना पाया जाता है, उसे क्रिया कहते हैं। संस्कृत की क्रियायें जिन मूलों से बनती हैं, उन्हें धातु कहते हैं। जैसे- सः पुस्तकं पठति’ (वह पुस्तक पढ़ता है) वाक्य से ‘पठति’ (पढ़ता है) के द्वारा पढ़ने का होना पाया जाता है, अतः ‘पठति’ क्रिया है। वह “पठ्” मूल धातु से बनती है। अतः पठ् धातु है। क्रिया के भेद (Types Verb in Sanskrit) क्रियायें दो प्रकार की होती है- (१) सकर्मक, (२) अकर्मक । सकर्मक-…

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अस्माकं देशः – संस्कृत निबंध । Our Country Essay in Sanskrit

अस्माकं देशः - संस्कृत निबंध । Our Country Essay in Sanskrit

संस्कृत में ‘अस्माकं देशः’ विषय पर सरल और प्रभावशाली निबंध। विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त, भारत देश की महिमा और गौरव पर आधारित। अस्माकम् देशः पर संस्कृत निबंध     अस्माकम् देशः (१) भारतवर्षः अस्माकं देशः अस्ति । (२) हिमालयः अस्य देशस्यः प्रधानः पर्वतः अस्ति । (३) यः अस्य उत्तरे मुकुटमणिः इव शोभते । (४) योऽस्य देशस्य रक्षां करोति । (५) रत्नाकरः अस्य चरणौ सदा प्रक्षालयति । (६) अस्य प्राकृतिकी शोभा अनुपमा अस्ति । (७) अत्र षड् ऋतूणां सुन्दरः क्रमः अस्ति । (८) अस्मिन्नैव देशेऽनेकानि तीर्थानि सन्ति । (९) ईश्वरस्य सर्वऽवताराः…

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विद्या धनम् सर्वधनम् प्रधानम् पर संस्कृत निबंध

संस्कृत निबन्ध । विद्या धनम् सर्वधनम् प्रधानम् । Sanskrit Essay on vidya

विद्या धनम् सर्वधनम् प्रधानम् पर संस्कृत निबंध   विद्या (विद्या धनम् सर्वधनम् प्रधानम्) (१) विद्यते सदसद्ज्ञानम् अनया सा विद्या कथ्यते । (२) विद्या विनयं ददाति । (३) विनयात् पात्रता प्राप्यते । (४) पात्रत्वात् धनं प्राप्यते, धनात् धर्मः ततः च सुखं प्राप्यते । (५) विद्या व्यये कृते वर्धते । (६) विद्यां चौरः न चौरयति । (७) विद्यां राजा न हरति । (८) विद्यां भ्राता न विभाज्यते । (६) विद्याः बुद्धेः मूर्खताम् हरति । (१०) अतः विद्या धनं सर्वश्रेष्ठं कथ्यते ।   हिन्दी अनुवाद विद्या (विद्या धन सभी धनों में प्रमुख है)…

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हिंदी मुहावरे और अर्थ – Hindi Muhavare with Meanings

हिंदी मुहावरे और अर्थ – Hindi Muhavare with Meanings

हिंदी मुहावरे व लोकोक्तियाँ एक वाक्य या वाक्यांश होते हैं, जो एक विशेष अर्थ समझाने के लिए उपयोग किये जाते हैं। ये वाक्य या वाक्यांश ज्यादातर संगठित नहीं होते हैं और लोगों की भाषा में आमतौर पर उपयोग किये जाने वाले विशेष शब्दों का समूह होते हैं। लोकोक्तियाँ और मुहावरों का उपयोग बोली जाने वाली भाषाओं में देखा जाता है, जैसे हिंदी, उर्दू, पंजाबी, गुजराती, मराठी, बंगाली आदि। ये बोली की सामान्य जीवन की घटनाओं और दृष्टिकोणों से उत्पन्न होते हैं और जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। इन्हें…

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सूरदास के पद की हिंदी व्‍याख्‍या और अर्थ । Surdas ke pad explanation

सूरदास के पद की हिंदी व्‍याख्‍या और अर्थ

सूरदास, भारतीय साहित्य के महान कवि और संत थे। उन्होंने भारतीय साहित्य को अपने अद्वितीय काव्य और भक्ति गीतों के माध्यम से विशेष रूप से उच्चतम स्तर तक पहुंचाया। सूरदास की काव्य रचनाएँ अद्वितीय हैं और उन्होंने भक्ति और प्रेम के सच्चे भाव को अद्वितीय ढंग से व्यक्त किया। उनकी रचनाएँ विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध हैं, लेकिन उनकी प्रमुख रचना हिंदी और ब्रज भाषा में है। उनकी प्रमुख रचनाएँ में “सूरसागर”, “सूरसारवाली”, “साहित्यलहरी” आदि शामिल हैं। सूरदास ने अपने जीवन के अधिकांश समय को भक्ति में लगा दिया और भगवान…

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Counting in Sanskrit 1 to 100 – संस्कृत में गिनती – Sanskrit Numbers 1 to 100

Counting in Sanskrit 1 to 100 - संस्कृत में गिनती

संस्कृत में गिनती (संख्यावाचक शब्द) संस्कृत भाषा सिर्फ़ भारत की प्राचीन भाषा ही नहीं, बल्कि विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा मानी जाती है। इसके शब्दों की रचना, उच्चारण और व्याकरण इतने सटीक हैं कि आज भी आधुनिक विज्ञान इसकी प्रशंसा करता है। इसी श्रृंखला में आज हम बात करेंगे – संस्कृत में गिनती (Counting in Sanskrit) की। गिनती क्यों जानना ज़रूरी है? संस्कृत साहित्य, वेद, श्लोक, और मंत्रों में संख्याओं का व्यापक उपयोग होता है। यदि आप संस्कृत पढ़ना, बोलना या समझना चाहते हैं, तो संस्कृत संख्यावाचक शब्द (Numerals) को…

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