ज्योतिष शास्त्र में रत्नों व पत्थरों को काफी महत्व दिया गया है । ऐसा विश्वास है कि यदि किसी जातक पर ग्रहों का दुष्प्रभाव चल रहा हो, तो ज्योति शास्त्रियों के बताए रत्नों या पत्थरों को धारण करने से उन्हें सारे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है । पर उन्हें धारण करने से पहले कुंडली दिखा लेनी चाहिए । माणिक्य रत्न यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर हो और उससे हानि हो रही हो, तो सूर्य रत्न माणिक्य या पन्ना धारण करना चाहिए । यदि सूर्य आठवें भाव…
Read Moreमंगलकारी है राम जानकी विवाह, जानें राम जानकी विवाह का महत्व
श्री राम जानकी का विवाह आज भी महत्वपूर्ण है । यह सभी देवी देवताओं के लिए जहां अलौकिक छटा के दर्शन करने का दिन है, वहीं कुंवारी कन्याओं के लिए अभिलाषा का दिन है । मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का पूरा जीवन हर मनुष्य के लिए प्रेरणादाई है । उनका जीवन का हर क्षण कोई ना कोई संदेश देता है । ऐसे में राम जानकी विवाह भी सभी लोगों में के लिए विशेष अनुकरणीय माना जाता है । हेमंत ऋतु के पावन मार्गशीर्ष मास में ब्रह्मा जी द्वारा निर्देशित शुक्ल…
Read Moreअपनाएं फेंगशुई टिप्स ताकि यादगार बने आपकी यात्रा
यात्रा के लिए फेंगशुई टिप्स अगर आप यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए फेंगशुई यहां भी हमसफ़र बन सकता है । इसकी बताई गई टिप्स आजमाएं और सुखद यात्रा का आनंद उठाएं गर्मी के मौसम में कई लोग घूमने का कार्यक्रम बनाते हैं । लेकिन कई बार यात्रा में गड़बड़ी हो जाती है और लोग परेशान हो जाते हैं । पर यदि आप फेंगशुई का सहारा लें, तो आपकी यात्रा न सिर्फ सुखद रहेगी, बल्कि यादगार भी रहेगी । दरअसल इसमें कई ऐसे टिप्स…
Read Moreपंचमुखी हनुमान भक्तों के लिए तारणहार
हनुमान जी का एकमुखी, पंचमुखी और एकादशमुखी स्वरूप सारे जगत में प्रसिद्ध है । भगवान शंकर की तरह इन्हें भी पंचमुखी कहा जाता है । इस रूप में हनुमान जी मार्गशीर्ष कृष्णाष्टमी को पुष्य नक्षत्र में सिंह लग्न तथा मंगल के दिन अवतरित हुए थे । भगवान के इस अवतार के पूजन से ऊर्जा मिलती है साथ ही इनकी आराधना से बुद्धि, बल, कीर्ति, धीरता, निर्भीकता, आरोग्य, वाक् शक्ति आदि गुण प्रसाद की तरह प्राप्त होते हैं । इनके पूर्व की ओर का मुख वानर का है जिसकी प्रभा करोड़ों…
Read Moreविजयादशमी का महत्व : जीत का संदेश देती है विजयादशमी
विजयादशमी का महत्व विजयादशमी के दिन विजय नामक मुहूर्त होता है यह मुहूर्त किसी भी कार्य में सिद्धि प्रदान करता है । नवरात्र में नो दिनों तक शक्ति की प्रतीक देवी दुर्गा की पूजा की जाती है । इसके बाद दसवें दिन मां की मूर्ति की विसर्जन प्रक्रिया पूरी की जाती है । इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया । श्री राम की विजय के बारे में एक प्रसंग यह भी है कि जब राक्षस राज रावण के अनुज विभीषण ने कवच धारी, रथ पर सवार…
Read Moreवाकई अमृत है पंचामृत
पंचामृत के फायदे: शास्त्रों में देव पूजा होने के बाद तीर्थ ग्रहण यानी पंचामृत ग्रहण करना महत्वपूर्ण कार्य माना गया है । श्रद्धा पूर्वक पंचामृत का पान करने वाले व्यक्ति को जीवन में सभी प्रकार की सुख- समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है एवं उसका शरीर मृत्यु के पश्चात जन्म मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है । चिकित्सा शास्त्र के अनुसार गाय का दूध, घी, दही, शर्करा और शहद के मिश्रण से रोग का निवारण करने वाले गुण विद्यमान होते हैं । पंचामृत में रुद्राक्ष डालकर…
Read Moreफेंगशुई टिप्स : घर की दीवारों के रंग चुने फेंगशुई के अनुसार
फेंगशुई के अनुसार दीवारों के रंग फेंगशुई के अनुसार घर के कमरे में हल्के रंग हों, तो वह सुख और शांति का अहसास देते हैं । पर कहीं-कहीं पर गहरे रंग ऊर्जा दाई प्रभाव डालते हैं दीपावली नजदीक है, ऐसे में सबसे पहला काम होता है घर की सजावट । और उसमें भी रंग रोगन का काम असमंजस भरा होता है । आमतौर पर लोग अपनी पसंद-नापसंद के तौर पर अपने घर में कलर करवा लेते हैं, लेकिन कुछ कलर नकारात्मक ची ऊर्जा के पर्याय माने जाते हैं, जिन्हें कमरे…
Read Moreजानें, फेंगसुई के कुछ सरल उपाय जिनका प्रयोग सोए हुए भाग्य को भी जगा सकता है
कई बार लगातार मेहनत के बाद भी जीवन में उन्नति होती नहीं दिखाई देती । चीनी वास्तु शास्त्र यानी फेंगसुई में इसके आसान उपाय बताए गए हैं । आजमा कर देखें कर्म ज्यादा असरदार है या भाग्य, मुनी जनों में इस विषय पर अक्सर बहस छिड़ती है । किंतु यह भी सत्य है कि अगर कर्म हमारी उन्नति के लिए प्रभावशाली होता है, तो भाग्य के अस्तित्व को भी नकारा नहीं जा सकता । कठोर परिश्रम, दृढ़ इच्छा और लगन से आप अपने भाग्य का निर्माण कर के जीवन में…
Read Moreजानिए, भगवान की पूजा में आरती का महत्व
आरती को देखने से भी मिलता है पुण्य आरती का अर्थ है देवता को मन से पुकारना । आरती देव को पाने के लिए की जाती है । वैसे भी देवता के प्रति प्रेम और भाव की जागृति शीघ्र होती है । आरती करने का ही नहीं, बल्कि देखने से भी बड़ा पुण्य मिलता है । आरती में पहले मूल मंत्र, जिस देवता का और जिस मंत्र से पूजन किया गया है, उसके जरिए तीन बार पुष्पांजलि दी जानी चाहिए । ढोल, नगाड़े घड़ियाल जैसे महा वाद्यों तथा जय जय…
Read Moreजानें, कालसर्प दोष के लक्षण व कालसर्प दोष से बचने के उपाय
सुख समृद्धि में बाधक कालसर्प योग जन्म कुंडली में जब सारे ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तो कालसर्प दोष बनता है, जिससे सुख-समृद्धि में कमी आ जाती है, व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं, इसमें व्यक्ति उलझा रहता है, जब तक कि कोई उपाय ना करें कालसर्प योग जिस किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में होता है, उसे जीवन में बहुत ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है । जीवन में अनेक प्रकार की बाधाएं आती हैं । कालसर्प योग व्यक्ति…
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