नैतिक कहानी: चूहा और गिलहरी

नैतिक कहानी: चूहा और गिलहरी

एक था चूहा और एक थी गिलहरी। चूहा शरारती था दिनभर ची ची करता हुआ मौज उड़ाता। गिलहरी भोली थी। टी टी करती हुई इधर-उधर घूमती रहती। एक दिन दोनों की मुलाकात हो गई। अपनी प्रशंसा करते हुए चूहे ने कहा, मुझे लोग मूषक राज कहते हैं। और गणेश जी की सवारी के रूप में जानते हैं। मेरे पैने-पैने हथियार सरीखे दांत लोहे के पिंजरे को तो क्या किसी भी चीज को काट सकते हैं। मासूम गिलहरी को यह बात सुनकर बड़ा बुरा लगा। बोली, भाई तुम दूसरों का नुकसान…

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आध्यात्मिक कहानी । गुरु नानक और सच्ची सेवा

आध्यात्मिक कहानी । गुरु नानक और सच्ची सेवा

एक बार गुरु नानक देव जी यात्रा पर निकले। इस दौरान वह एक गांव में पहुंचे। उनके साथ उनके चार प्रिय शिष्य भी थे। जब नानक जी गांव में पहुंचे, तो उनका खूब स्वागत हुआ। उसी गांव में एक गरीब महिला रहती थी। उसने नानक को शिष्यों सहित अपने घर आने का निमंत्रण दिया। नानक जी तुरंत उस महिला के घर पहुंचे। नानक को अपने घर देखकर महिला की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने बड़े प्यार से उनके लिए शर्बत बनाया। पर उसके घर छन्नी नहीं थी। इसलिए उसने…

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क्या है कल्पवास और उसका महत्व, मन की शुद्धि के लिए करें कल्पवास

क्या है कल्पवास और उसका महत्व

मन की शुद्धि के लिए कल्पवास कल्पवास माघ महीने में किया जाने वाला व्रत होता है, जिसका उद्देश्य अपने मन में उपस्थित विकारों को निकालना और अक्षय पुण्य की प्राप्ति है। एक महीने का यह व्रत पूरे वर्ष को पुण्य मय बना देता है। तीर्थराज प्रयाग का माघ मेला महज नदियों का ही नहीं अपितु आस्था, दर्शन, अध्यात्म और विविध संस्कृतियों का अनूठा संगम है। यह स्नान पर्व एक महीने तक चलता है। इस पर्व के दौरान संगम तट पर कल्प वास करने का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस…

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गणेश जयंती यानी तिल चतुर्थी पर गणपति को प्रसन्न कर, करे दोषों का निवारण

गणेश जयंती यानी तिल चतुर्थी । माघ मास की इस तिथि को भगवान श्री कृष्ण ने उपवास रखकर अपने ऊपर लगे आरोप के दोष से मुक्ति पाई थी। गणेश जयंती । माघ महीने की शुक्ल पक्ष चतुर्दशी के रूप में जानी जाने वाली यह तिथि कई प्रदेशों में महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे तेल चतुर्थी भी कहा जाता है। गणेश भगवान हमारे प्रथम पूज्य देवी नहीं हैं, बल्कि वह तो जीवन के हर क्षण में रचने-बसने वाले देवता कहे जाते हैं। इनकी पूजा करने से भक्तों को कोई भी विघ्न…

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सकारात्मक ग्रहों से संबंधित रत्नों को धारण करने से मिलता है सर्वोत्तम लाभ

Gems ring

ज्योतिष शास्त्र का एक सामान्य नियम है कि आपकी कुंडली में जो भी ग्रह शक्तिशाली हैं यह सर्वाधिक अनुकूल फल देने वाला हो, जिन ग्रहों का आप पर सकारात्मक असर होता है, उन ग्रहों से संबंधित रत्नों को धारण कर या उनका उपयोग कर आप सर्वोत्तम लाभ के अधिकारी बन सकते हैं। पेश है ऐसी ही कुछ सलाहें 1) यदि आपका सूर्य ग्रह अशुभ स्थिति में है या शुभ भाव, मित्र राशि में हो, तो आपके लिए अम्बर रत्न, फ्लोराइट और क्रिसोलाइट धारण करना अच्छा रहेगा। अंबर जहां नकारात्मक भावों…

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श्रद्धा व विश्वास का प्रतीक त्रिपुर सुंदरी मंदिर

tripur sundari mata

मेरठ शहर में सम्राट पैलेस में स्थित है सिद्धपीठ भगवती श्री राज राजेश्वरी त्रिपुरी सुंदरी मां का मंदिर। उत्तर प्रदेश का यह एकमात्र श्री यंत्र अधिष्ठात्री देवी षोडशी का मुख्य मंदिर है। इस पवित्र स्थल पर मां दुर्गा के नौ रूपों के दर्शन होते हैं। 10 महाविद्याओं में सर्वोपरि महाविद्या षोडशी के अंतर्गत राज राजेश्वरी परांबा का विग्रह अनंत श्री विभूषित ज्योतिष श्री द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी द्वारा वर्ष 1990 में इस स्थान पर प्रतिष्ठित किया गया, जो यहां की मुख्य देवी है। पूज्य शंकराचार्य जी…

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हस्तरेखा से जाने आप को संपत्ति में निवेश करना चाहिए या नहीं

Lines on the palm of the hand

धन के मामले में अधिकांश लोग भाग्य को प्रबल मानते हैं। हस्तरेखा शास्त्र या ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह काफी हद तक सही भी है। इस बारे में हस्तरेखा शास्त्र में काफी बातें बताई गई है। 1) यदि भाग्य रेखा एक से अधिक हो और जीवन रेखा गोल हो, तो व्यक्ति को संपत्ति में निवेश करना चाहिए। इससे निवेश का तुरंत परिणाम मिलता है। 2) अंगुलियां लंबी हों, तो हृदय व मस्तिष्क रेखा एक हो, जीवन रेखा गोल हो और भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा पर रुकी हो, तो संपत्ति में…

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श्री कृष्ण साधना से मिलेगी लक्ष्मी

Lord Krishna

लक्ष्मी प्राप्ति श्री कृष्ण साधना लक्ष्मी प्राप्ति के लिए हर कोई प्रयासरत रहता है। सभी को लालसा रहती है कि उसके पास ज्यादा से ज्यादा पैसे हो। इसके लिए मेहनत पर भरोसा करते हैं। इसके साथ ही यदि भक्ति की शक्ति का प्रयोग कर लिया जाए, तो धन प्राप्ति की संभावना काफी अधिक हो जायेगी। इसके लिए भगवान श्री कृष्ण की आराधना करना भी श्रेयस्कर माना जाता है। हालांकि इनका सीधा संबंध देवी लक्ष्मी से नहीं है, पर भगवान विष्णु के अवतार होने की वजह से श्री कृष्ण की आराधना…

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